बाल विवाह में सहयोगियों पर होगी सख्त कार्रवाई : कलेक्टर

टोंक{ गहरी खोज }: बाल विवाह रोकने के लिए बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में कार्यशाला हुई। कलेक्टर डॉ. सौम्या झा ने कहा कि बाल विवाह में सहयोग करने वाले पंडित, काजी, टेंट हाउस, बैंड-बाजा, प्रिंटिंग प्रेस और संरक्षक सभी पर सजा का प्रावधान है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी। आने वाले दिनों में प्रिंटिंग प्रेसों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। बिना आयु प्रमाण पत्र के शादी के कार्ड छापने वालों पर कार्रवाई होगी।
बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नवल खान ने बताया कि अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा, बडल्या नवमी और देव उठनी एकादशी जैसे अबूझ सावे पर बाल विवाह की आशंका ज्यादा रहती है। कार्यशाला में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों पर चर्चा हुई। प्रतिषेध अधिकारियों और हितधारकों को जिम्मेदारियों की जानकारी दी गई।
कलेक्टर ने प्रिंटिंग प्रेस, पंडित और काजी को निर्देश दिए कि वर-वधू की जन्मतिथि देखकर ही सेवा दें। बालिग नहीं होने पर शादी न कराएं। पंडित पवन सागर ने बताया कि उनका 12 से 15 लोगों का समूह शादी से पहले वर-वधू के आयु दस्तावेज देखकर ही मुहूर्त निकालता है। मुफ्ती आदिल नदवी ने कहा कि जुमे की नमाज में भी बाल विवाह रोकने की हिदायत दी जाती है। निकाह से पहले आयु के दस्तावेज देखे जाते हैं।
कार्यशाला के बाद बाल विवाह जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस मौके पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष हेमराज चौधरी, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य सत्यनारायण शर्मा, एडीईओ हीरा लाल, महिला अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक मैरिंगटन सोनी, अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ. जितेंद्र कुमार, डीएसपी राजेश कुमार, मानव तस्करी विरोधी यूनिट के कालू राम मीणा, काजी इकबाल हाशमी, काजी ताहिरूल हसन, सहायक श्रम आयुक्त कमल चंदोलिया, बाल विकास परियोजना अधिकारी चंद्रा जोशी सहित अन्य हितधारक मौजूद रहे।