कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट में क्या अंतर है? जानें क्या हैं अलग-अलग मान्यताएं

धर्म { गहरी खोज } :लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी लीडर पोप फ्रांसिस का निधन हो गया। 88 साल के पोप फ्रांसिस के निधन के बाद सभी कैथोलिक शोक में डूब गए हैं। अब जल्द ही नए पोप का चयन होगा। जानकारी के लिए आपको बता दें कि दुनिया में लगभग 1।3 बिलियन रोमन कैथोलिक हैं। जब बात रोमन कैथोलिक की आती है, तो प्रोटेस्टेंट ईसाई भी चर्चा में आते हैं। ऐसे में चलिए आपको इस लेख में बताते हैं कि प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक में क्या अंतर है।
प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक में क्या अंतर है?
ईसाई धर्म को मानने वाले मुख्य रूप से तीन बड़े समूहों में बंटे हुए हैं जिनकी मान्यताएं थोड़ी अलग-अलग हैं- कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स। दुनिया में और भी ईसाई मत हैं, लेकिन ये तीनों सबसे प्रमुख हैं। कैथोलिक धर्म में पोप को ईश्वर का प्रतिनिधि माना जाता है।
प्रोटेस्टेंट ईसाई धर्म का एक ऐसा है जो कैथोलिक चर्च से 16वीं शताब्दी में सुधार के दौरान अलग हो गया था और इसमें कई अलग-अलग संप्रदाय शामिल हैं। कैथोलिक ईसाई पोप को मानते हैं, वहीं प्रोटेस्टेंट ईसाई पूरी तरह से बाइबल पर विश्वास रखते हैं और किसी पोप को नहीं मानते हैं।
प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक दोनों में कुछ समानताएं भी होती हैं, जैसे दोनों ही बैपटिज्म जैसे सात संस्कारों को मानते हैं। लेकिन अंतर यह है कि कैथोलिक सातों संस्कारों को मानते हैं, जबकि प्रोटेस्टेंट सिर्फ दो को मानते हैं – बैपटिज्म और साम्य। कैथोलिक मानते हैं कि कैथोलिक चर्च मूल और पहला ईसाई चर्च है। प्रोटेस्टेंट पुराने और नए नियम के जरिए बताई गई यीशु मसीह की शिक्षाओं का पालन करते हैं। प्रोटेस्टेंट मानते हैं कि कैथोलिक चर्च मूल ईसाई चर्च से निकला था, लेकिन भ्रष्ट हो गया।
ऑर्थोडॉक्स क्रिश्चियन ईसा मसीह को चर्च का प्रमुख मानते हैं। वहीं, रोमन कैथोलिक चर्च का नेतृत्व पोप करते हैं, जो ‘क्राइस्ट ऑफ क्राइस्ट’ की उपाधि धारण करते हैं। प्रोटेस्टेंट संप्रदायों मेंचर्च का नेतृत्व आमतौर पर स्थानीय स्तर पर या पूरे संप्रदाय में संगठित होता है, लेकिन वे सभी यीशु मसीह को अपना सर्वोच्च नेता मानते हैं।
कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट ईसाई में अंतर
कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट ईसाई के बीच मुख्य अंतर उनके धार्मिक विश्वास और चर्च संरचना में होता है, जो कि नीचे बताया गया है-
चर्च संरचना
कैथोलिक चर्च पोप के नेतृत्व में एक एकीकृत चर्च है, जबकि प्रोटेस्टेंट चर्च अलग-अलग संप्रदायों में बंटा हुआ हैं।
विश्वास
कैथोलिक चर्च बाइबल के साथ-साथ परंपरा को भी सर्वोच्च अधिकार मानते हैं, जबकि प्रोटेस्टेंट सिर्फ बाइबल को सर्वोच्च अधिकार मानते हैं।
पूजा
कैथोलिक पूजा में यूचरिस्ट (पवित्र भोज) केंद्र में है, जबकि प्रोटेस्टेंट पूजा में अक्सर उपदेश (बाइबल से व्याख्यान) केंद्र में होता है।
मोक्ष
कैथोलिक में मोक्ष को विश्वास और अच्छे कार्यों के माध्यम से प्राप्त माना जाता है, जबकि प्रोटेस्टेंट सिर्फ विश्वास के माध्यम से मोक्ष प्राप्त होने में विश्वास करते हैं।
बाइबल
कैथोलिक बाइबल में 73 किताबें होती हैं, जबकि प्रोटेस्टेंट बाइबल में 66 किताबें होती हैं।
मैरी
कैथोलिक चर्च मैरी को सम्मान देता है और उन्हें स्वर्ग की रानी के रूप में मानता है, जबकि प्रोटेस्टेंट मैरी को कम महत्व देते हैं।