महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार को बड़ी राहत, थोक महंगाई दर घटकर 2.05 प्रतिशत रही

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नयी दिल्ली { गहरी खोज } : महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली है। भारत में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर मार्च में कम होकर 2.05 प्रतिशत हो गई है, जो कि फरवरी में 2.38 प्रतिशत पर थी। वाणिज्य और इंडस्ट्री मंत्रलय द्वारा मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
मंत्रालय के मुताबिक, मार्च में थोक महंगाई दर के सकारात्मक रहने की वजह मैन्युफैरिंग उत्पादों की कीमतों में इजाफा होना है। 2025 की फरवरी की तुलना में मार्च में महंगाई दर में 0.19 प्रतिशत की कमी आई है, जो कि महंगाई में कमी को दिखाता है। सरकारी डेटा के मुताबिक, फरवरी के मुकाबले मार्च में ईंधन और ऊर्ज समूहों की कीमत में कमी आई है, जिससे कारण मार्च में थोक महंगाई में गिरावट देखने को मिली है।
बीते हफ्ते आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई दर के अनुमान को 4.2 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया था। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि खाद्य महंगाई दर में तेज गिरावट के बाद जनवरी-फरवरी 2025 के दौरान मुख्य महंगाई दर में कमी आई है। रबी फसलों के बारे में अनिश्चितताएं काफी हद तक कम हो गई हैं और दूसरे अग्रिम अनुमान पिछले वर्ष की तुलना में रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन और प्रमुख दालों के अधिक उत्पादन की ओर इशारा कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि खरीफ की मजबूत आवक के साथ, इससे खाद्य महंगाई दर में स्थायी नरमी आने की उम्मीद है।
आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट महंगाई के आउटलुक के लिए शुभ संकेत है। इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए और सामान्य मानसून को मानते हुए, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा महंगाई 4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है, जिसमें पहली तिमाही 3.6 प्रतिशत, दूसरी तिमाही 3.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही 3.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही 4.4 प्रतिशत रह सकती है।

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