संविधान केवल कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि राष्ट्र की एकता और लोकतंत्र की आत्मा है : शिल्पी तिर्की

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  • झारखंड की कृषि मंत्री ने संविधान दिवस पर किया सामूहिक संविधान पठन

रांची{ गहरी खोज }: झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बुधवार को पशुपालन निदेशालय में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पठन किया। कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर और भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हुई। समारोह को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि भारत का संविधान केवल कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि राष्ट्र की एकता और लोकतंत्र की आत्मा है। उन्होंने कहा कि संविधान हमें अधिकारों के साथ कर्तव्यों के निर्वहन का संदेश देता है। मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और भाईचारा भारतीय संविधान की मूल भावना है, जिसे समझना और अपनाना हर नागरिक का दायित्व है। उन्होंने संविधान दिवस पर राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहने की अपील की और कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर का योगदान भारत कभी नहीं भूल सकता। कार्यक्रम में विभागीय अधिकारियों और कर्मियों ने संविधान के मूल्यों की रक्षा करने का संकल्प लिया। समारोह में निदेशालय के अधिकारी, कर्मचारी और पदाधिकारी उत्साहपूर्वक शामिल हुए।

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