विकसित काशी से होगा विकसित भारत का मंत्र साकार : मोदी

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वाराणसी{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी से वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा कि विकसित काशी से विकसित भारत का मंत्र साकार करने के लिए लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर के तमाम कार्य हो रहे हैं।
श्री मोदी ने शनिवार को कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों के लिए वंदे भारत की शुरुआत हुई है। आज वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे की अगली पीढ़ी की नींव तैयार कर रही हैं। यह भारतीय रेलवे को ट्रांसफॉर्म करने का अभियान है। वंदे भारत भारतीयों की, भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए बनाई गई ट्रेन है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है।
उन्होने कहा “ जिन भी देशों में प्रगति और विकास हुआ है, उनके आगे बढ़ने के पीछे बहुत बड़ी शक्ति वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की है। मान लीजिए कोई इलाका है, लंबे समय से वहां कोई रेल नहीं जा रही है। रेल की पटरी नहीं है, स्टेशन नहीं है। लेकिन जैसे ही वहां पटरी लग जाएगी, स्टेशन बन जाएगा, उस नगर का अपने आप विकास शुरू हो जाता है। किसी गांव के अंदर रोड ही नहीं है, सालों से लोग कच्चे मिट्टी के रास्तों से आते-जाते हैं। जैसे ही वहां रोड बन जाता है, किसानों का माल आने-जाने लगता है। विकास शुरू हो जाता है। कितने एयरपोर्ट बने, कितने स्टेशन बने। इंफ्रास्ट्रक्चर मतलब बड़े-बड़े ब्रिज, हाइवे ही नहीं होते।”
प्रधानमंत्री ने कहा “ वरना पहले ये सोचते थे कि ये हो सकता है क्या। ये तो विदेशों में होता था। हमारे देश में अब हो रहा है, हमारे देश के लोग बना रहे हैं, ये देश की ताकत है। अब तो विदेशी यात्री वंदे भारत को देखकर अचंभित होते हैं। ”
उन्होने कहा कि भारत ने विकसित भारत के लिए अपने साधनों को श्रेष्ठ बनाने का अभियान शुरू किया है। आज काशी में अच्छे अस्पताल, अच्छी सड़कें, गैस पाइपलाइन से लेकर इंटरनेट कनेक्टिविटी की व्यवस्था का लगातार विस्तार हो रहा है। विकास भी हो रहा है और गुणवत्ता के साथ हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा “ ये ट्रेनें मील का पत्थर बनने जा रही हैं। हमारे भारत में सदियों से तीर्थ यात्राओं को देश की चेतना का माध्यम कहा गया है। ये यात्राएं केवल देव दर्शन का मार्ग नहीं हैं, बल्कि भारत की आत्मा को जोड़ने वाली पवित्र परंपरा हैं। अयोध्या, हरिद्वार, चित्रकूट, कुरुक्षेत्र जैसे अनगिनत तीर्थ क्षेत्र हमारी आध्यात्मिक धारा के केंद्र हैं। आज जब ये पावन धाम वंदे भारत के नेटवर्क से जुड़ रहे हैं, तो एक तरफ भारत की संस्कृति, आस्था और विकास की यात्रा को भी जोड़ने का कार्य हुआ है। ये भारत के विरासत के शहरों को देश के विकास का प्रतीक बनाने की तरफ अहम कदम है। इन यात्राओं का एक आर्थिक पहलू भी होता है, जिसकी उतनी चर्चा नहीं होती। बीते 11 वर्षों में यूपी में हुए विकास कार्यों ने तीर्थाटन को एक नए स्थान पर पहुंचा दिया है। पिछले साल बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए 11 करोड़ श्रद्धालु काशी आए थे। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद छह करोड़ से ज्यादा लोग राम लला के दर्शन कर चुके हैं।”
श्री मोदी ने कहा कि यूपी की अर्थव्यवस्था को इन श्रद्धालुओं ने हजारों करोड़ का लाभ पहुंचाया है। इन्होंने यूपी के होटलों, व्यापारियों, ट्रांसपोर्ट, स्थानीय कलाकारों, नाव चलाने वालों को निरंतर कमाई का अवसर दिया है। इसके कारण बनारस के सैकड़ों नौजवान ट्रांसपोर्ट से लेकर बनारसी साड़ियों तक हर जगह नए-नए व्यापार शुरू कर रहे हैं। इन सबकी वजह से यूपी में, काशी में समृद्धि के द्वार खुल रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर हर महादेव से अपने उद्बोधन की शुरुआत की। उन्होने कहा कि टेक्नॉलाजी के क्षेत्र में जो उत्तम कार्य हो रहा है, उसकी कमान संभालने वाले अश्विनी वैष्णव समेत सभी अधिकारी एवं कर्मी बधाई के पात्र हैं। उन्होने कहा , “ बाबा विश्वनाथ की इस पावन नगरी में काशी के परिवारजनों को सभी के प्रणाम। देव दीपावली पर अद्भुत आयोजन हुआ। आज के विकास पर्व की शुभकामनाएं देता हूं। जिस देश में बड़ी प्रगति और विकास होता है, उसके आगे बढ़ने में वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की भूमिका होती है। जिस जगह ट्रेन नहीं, पटरी नहीं, वहां ट्रेन चलने लगे, रोड बन जाए। यानी व्यवस्थाएं विकसित होती हैं तो अपने आप विकास शुरू हो जाता है। कितने एयरपोर्ट बने, कितनी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलीं। आज देश में नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत हुई। चार ट्रेनों के साथ ही देश में 160 से ज्यादा ट्रेनों का संचालन होने लगा।”
उन्होने कहा कि देश के अलग-अलग हिस्सों के लिए वंदे भारत की शुरुआत हुई है। आज वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे की अगली पीढ़ी की नींव तैयार कर रही हैं। यह भारतीय रेलवे को ट्रांसफॉर्म करने का अभियान है। वंदे भारत भारतीयों की, भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए बनाई गई ट्रेन है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है।
श्री मोदी ने कहा कि जिन भी देशों में प्रगति और विकास हुआ है, उनके आगे बढ़ने के पीछे बहुत बड़ी शक्ति वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की है। मान लीजिए कोई इलाका है, लंबे समय से वहां कोई रेल नहीं जा रही है। रेल की पटरी नहीं है, स्टेशन नहीं है। लेकिन जैसे ही वहां पटरी लग जाएगी, स्टेशन बन जाएगा, उस नगर का अपने आप विकास शुरू हो जाता है। किसी गांव के अंदर रोड ही नहीं है, सालों से लोग कच्चे मिट्टी के रास्तों से आते-जाते हैं। जैसे ही वहां रोड बन जाता है, किसानों का माल आने-जाने लगता है। विकास शुरू हो जाता है। कितने एयरपोर्ट बने, कितने स्टेशन बने।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन में कुछ विद्यार्थियों से बात की और बच्चों ने उन्हे कविताएं भी सुनाईं। उनका मन कर रहा था कि इन बच्चों का कवि सम्मेलन हो और उनमें से आठ-दस बच्चों को देश भर में ले जाया जाए। उनसे कविताएं करवाई जाएं।
श्री मोदी ने कहा “ जहां वंदे भारत की शुरुआत होती है, वहां बच्चों के बीच अलग-अलग प्रतियोगिताएं होती हैं। विकास के संदर्भ में वंदे भारत, अलग-अलग मुद्दों के साथ विकसित भारत की परिकल्पना के संदर्भ में कविताओं को लेकर होता है। बच्चों से मिला, उनकी जो परिकल्पना थी, उन्होंने जो विकसित भारत के चित्र बनाए थे, जो कविताएं सुनने को मिलीं। काशी के सांसद के नाते मुझे गर्व हुआ। मेरी काशी में होनहार बच्चों से मिला। जो चित्र उन्होंने बनाए, अद्भुत हैं। स्कूलों के शिक्षकों को भी हृदय से आभार करता हूं। उनके माता-पिता को भी बधाई देता हूं।”
प्रधानमंत्री ने कहा “ काशी में गंजारी और सिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम भी हमारे पास हैं। प्रयास है कि बनारस आना, बनारस रहना और बनारस को जीना सभी के लिए खास बने। हमारी सरकार काशी में स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार का प्रयास कर रही है। 11 साल पहले स्थिति यह थी कि गंभीर बीमारी का इलाज कराना हो तो लोगों को सिर्फ बीएचयू का विकल्प होता था। मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा होती थी कि पूरी रात खड़े रहने के बाद भी इलाज नहीं मिल पाता था।”
उन्होने कहा “ कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने पर इलाज के लिए लोग जमीन और खेत बेचकर मुंबई जाते थे। आज काशी के लोगों की सारी चिंताओं को हमारी सरकार ने कम करने का प्रयास किया है। कैंसर के लिए महामना कैंसर अस्पताल, आंख के इलाज के लिए शंकरा नेत्रालय, बीएचयू में बना अत्याधुनिक ट्रामा सेंटर, शताब्दी चिकित्सालय, मंडलीय चिकित्सालय—ये सारे अस्पताल पूर्वांचल समेत आसपास के राज्यों के लिए वरदान बने हैं। इन अस्पतालों में आयुष्मान भारत और जन औषधि की वजह से आज लाखों गरीबों की करोड़ों रुपये की बचत हो पा रही है। एक तरफ लोगों की चिंता खत्म हुई, दूसरी तरफ काशी पूरे इस क्षेत्र की हेल्थ कैपिटल के रूप में जानी जाने लगी है। हमें काशी की विकास गति और ऊर्जा बनाए रखनी है ताकि भव्य काशी तेजी से समृद्ध काशी भी बने। पूरी दुनिया से जो भी काशी आए, उसे बाबा विश्वनाथ की नगरी में अलग ऊर्जा, अलग उत्साह और अलग आनंद मिल सके।”

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