महिला- बाल अपराधों के निपटान को स्थापित होंगे 53 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों के त्वरित निपटान के लिए बड़ा निर्णय लिया है। सरकार राजधानी में 53 नए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय स्थापित करने जा रही है। इसके लिए तत्काल प्रभाव से आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस समय दिल्ली में अस्थायी आधार पर ऐसे 16 न्यायालय कार्यरत हैं, उन्हें भी स्थायी न्यायालयों में परिवर्तित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बनाया है। हम चाहते हैं कि पीड़ितों को वर्षों तक न्याय की प्रतीक्षा न करनी पड़े। यह कदम न केवल त्वरित न्याय की गारंटी देगा बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिला सशक्तिकरण और सुरक्षित भारत के विजन को भी सशक्त करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों के 17,000 से अधिक मामले कोर्ट में लंबित हैं। इन मामलों की धीमी गति से सुनवाई के कारण पीड़ित परिवारों को न्याय पाने में विलंब हो रहा है।
उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को जानकारी दी कि मौजूदा लंबित मामलों और वित्त आयोग की सिफारिशों को देखते हुए 37 अतिरिक्त फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय तत्काल आवश्यक हैं। उच्च न्यायालय ने इसके इसके अलावा अस्थायी आधार पर कार्यरत राजधानी के 16 न्यायालयों को भी स्थायी न्यायालयों में परिवर्तित करने की सिफारिश की। इस प्रकार कुल 53 (37 16) नए न्यायालयों की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
इन न्यायालयों की स्थापना के लिए आवश्यक ढांचा, न्यायिक अधिकारियों के पद और सहायक स्टाफ की नियुक्ति भी शीघ्र की जाए। विधि विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेज दिया है। इसके तहत 53 नए न्यायिक अधिकारियों के पदों की जल्द नियुक्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री के अनुसार इन न्यायालयों में मुख्यतः पॉक्सो अधिनियम, 2012 और बलात्कार से जुड़े मामले (आईपीसी की धारा 376/भारत न्याय संहिता की धारा 64) की सुनवाई की जाएगी। दिल्ली सरकार का मानना है कि ऐसे मामलों में शीघ्र सुनवाई और समयबद्ध न्याय सुनिश्चित होने से समाज में एक सशक्त संदेश जाएगा और महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगेगा।