हाईस्पीड ट्रेन की अन्य परियोजनाओं पर भी शुरू हो सकता है कामः वैष्णव

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मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड ट्रेन का सपना जल्द होगा साकार
मुंबई{ गहरी खोज }: मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली हाईस्पीड ट्रेन का सपना तेजी से साकार होने की ओर है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि हाईस्पीड रेल कॉरिडोर का काम आखिरी चरण में है। खास बात यह है कि देश के इस पहले हाईस्पीड ट्रेन के अनुभवों से मिले आत्मविश्वास ने देश के विभिन्न हिस्सों में प्रस्तावित 6 अन्य हाईस्पीड ट्रेनों के लिए भी रास्ता तैयार कर दिया है। वैष्णव ने कहा कि अब हम इस स्थिति में पहुंच चुके हैं कि देश में हाईस्पीड ट्रेन की दूसरी परियोजनाओं का काम भी शुरू किया जा सकता है।
रेलमंत्री वैष्णव ने शनिवार को मुंबई में अहमदाबाद-मुंबई हाईस्पीड ट्रेन निर्माण कार्यों के निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अहमदाबाद-मुंबई हाईस्पीड रेल परियोजना को महत्वपूर्ण सफलता मिली है। मुंबई-ठाणे के बीच समुद्र के नीचे जो सुरंग बनाई जा रही है उसमे 8 किलोमीटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आज पूरा हुआ है। इस सुरंग में सफलता प्राप्त हुई है और यह इस पूरी परियोजना के लिए बहुत बड़ा पड़ाव साबित हुआ है।
रेलमंत्री ने बताया कि एक दिन पहले जापान के विशेषज्ञों की एक टीम ने परियोजना का पूरा निरीक्षण किया और यहां हुई शानदार प्रगति को काफी सराहा। इस टीम ने खासतौर पर कार्यों की गुणवत्ता की सराहना की। उन्होंने बताया कि अबतक अहमदाबाद-मुंबई हाईस्पीड रेल परियोजना का लगभग 320 किलोमीटर का पुल का हिस्सा पूरा हो चुका है। सभी स्टेशनों पर तेजी से कार्य चल रहे हैं। नदियों पर बन रहे पुल भी तेजी से पूरे हो रहे हैं। साबरमती में जो अंतिम स्टेशन बन रहा है, वह लगभग तैयार हो चुका है
रेलों के निर्माण में भी अच्छी प्रगति है। साल 2027 में पहली रेल आ जाएगी और उसी समय पहले खंड में लोगों को सवारी कराएंगे। पहला खंड सूरत से बिलिमोरा तक शुरू होगा। फिर बाकी खंड धीरे-धीरे खुलते जाएंगे। उनका कहना है कि महाराष्ट्र में जब तक पुरानी सरकार थी, तब तक उन्होंने अनुमति नहीं दी थी, जिसके कारण कई परियोजनाओं मे देरी हुई। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार की वजह से अनुमति न मिलने से परियोजना ढाई साल पीछे चली गई। इस ढाई साल में कितने रुपये का नुकसान हुआ, उसका आकलन चल रहा है। अब कार्य जोर-शोर से चल रहा है। पूरी कोशिश की जा रही है कि जल्दी से जल्दी कार्य पूरा हो। इस परियोजना के पूरा होने से मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड ट्रेन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का जो संकल्प है, वह पूरा होगा।
इस मार्ग पर ठाणे, वापी, सूरत और आणंद जैसे बड़े-बड़े शहर आते हैं, इनकी अर्थव्यवस्था पर इसका व्यापक असर होगा। जैसे जापान में टोक्यो से ओसाका के बीच हाईस्पीड ट्रेन चलती है और रास्ते में नागोया, क्योटो जैसे बड़े शहर आते हैं, वहां की अर्थव्यवस्था विकसित हो गई। इसलिए मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड परियोजना से पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में बड़ा उछाल आएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि इस परियोजना में हमारे पूरे तकनीकी दल ने आत्मनिर्भर भारत का शानदार उदाहरण पेश किया है। कई तकनीकें भारत में विकसित हुई हैं। खास बात यह है कि कई मशीनें और हिस्से अब यहां से विदेशों में निर्यात होने लगे हैं। जो हमारे लिए बहुत बड़ी बात है। उन्होंने निर्माण कार्यों की उच्च तकनीकी क्षमता का उल्लेख करते हुए कहा कि बीकेसी स्टेशन नीचे माइनस 10 मंजिल और ऊपर 30 मंजिला इमारत है। इस स्टेशन का कार्य तेजी से चल रहा है।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना का अगला खंड साल 2027 और उसका अगला हिस्सा ठाणे तक साल 2028 में शुरू हो जाएगा। साल 2029 तक बीकेसी तक रेल पहुंच जाएगी। यह मध्यम वर्ग की सवारी होगी। इसका किराया आम आदमी के लिए होगा। मुंबई से अहमदाबाद जाने में लगने वाले 9 घंटे अब दो घंटे सात मिनट में सिमट जाएगा। वैष्णव ने एक सवाल के जवाब में दावा किया कि अहमदाबाद-मुंबई हाईस्पीड ट्रेन के निर्माण कार्यों की प्रगति और सफलता को देखते हुए आज हम इस स्थिति में हैं कि देश की प्रस्तावित दूसरी अन्य हाईस्पीड ट्रेनों के निर्माण कार्यों के बारे में फैसला कर सकें।
उल्लेखनीय है कि भारत में हाईस्पीड ट्रेन की 6 अन्य परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इनमें दिल्ली-वाराणसी, मुंबई-नागपुर, दिल्ली-अहमदाबाद, मुंबई-हैदराबाद, चेन्नई-बेंगलुरु-मैसूर और दिल्ली-अमृतसर शामिल हैं। इन परियोजनाओं के लिए रेल मंत्रालय ने सर्वेक्षण और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। जल्द ही इन 6 अन्य परियोजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर भी घोषणा की संभावना है।

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