मोदी मॉरीशस के प्रधानमंत्री के साथ बृहस्पतिवार को वाराणसी में बैठक करेंगे

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को वाराणसी में मॉरीशस के अपने समकक्ष नवीनचंद्र रामगुलाम की मेजबानी करेंगे और उनके साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस ऐतिहासिक शहर में आयोजित यह बैठक स्थायी सभ्यतागत जुड़ाव, आध्यात्मिक बंधनों और दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे संबंधों को रेखांकित करती है, जिसने भारत और मॉरीशस के विशेष और अनूठे संबंधों को आकार दिया है। बैठक के बाद, प्रधानमंत्री मोदी देहरादून जाएंगे और उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। बयान के अनुसार वह अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे।
रामगुलाम मंगलवार को मुंबई पहुंचे और वह 16 सितंबर तक भारत में रहेंगे। रामगुलाम नौ से 16 सितंबर तक भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। बयान में कहा गया है कि अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान, मोदी और रामगुलाम विकास साझेदारी और क्षमता निर्माण पर विशेष ध्यान देते हुए सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे। इसमें कहा गया है कि दोनों नेता स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और ‘नीली अर्थव्यवस्था’ जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर भी चर्चा करेंगे।
यह यात्रा मार्च 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की राजकीय यात्रा से उत्पन्न सकारात्मक गति को आगे बढ़ाएगी, जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को ‘‘वृहद रणनीतिक साझेदारी’’ के स्तर तक पहुंचाया था। यह यात्रा मार्च 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की राजकीय यात्रा से उत्पन्न सकारात्मक माहौल पर आधारित है जिसके दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को ‘संवर्धित रणनीतिक साझेदारी’ तक बढ़ाया था। हिंद महासागर क्षेत्र में एक मूल्यवान साझेदार और घनिष्ठ समुद्री पड़ोसी के रूप में, मॉरीशस भारत के ‘महासागर’ (क्षेत्रों में सुरक्षा एवं विकास के लिए पारस्परिक व समग्र उन्नति) दृष्टिकोण और ‘पड़ोसी पहले’ नीति के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच मजबूत होता सहयोग न केवल दोनों देशों के लोगों की समृद्धि के लिए बल्कि ‘‘ग्लोबल साउथ’’ की सामूहिक आकांक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। बयान में कहा गया है कि वाराणसी शिखर सम्मेलन पारस्परिक समृद्धि, सतत विकास और सुरक्षित एवं समावेशी भविष्य की दिशा में दोनों देशों की साझा यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगा।