‘जन सुनवाई से शासन में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है’ : किरण बेदी रेखा गुप्ता के समर्थन में उतरीं

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी ने शुक्रवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम को विकेन्द्रीकृत करने के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यदि विधायकों, पार्षदों एवं वरिष्ठ नौकरशाहों द्वारा ऐसी पहल अपनाई जाए तो इससे शासन में बदलाव आ सकता है। गुप्ता पर बुधवार को उनके कैंप कार्यालय में एक जनसुनवाई के दौरान हमला हुआ था। जवाब में, मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि अब यह कार्यक्रम केवल उनके आवास पर ही नहीं, बल्कि हर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा।
बेदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह सही नजरिया है, यह दिल्ली के मुख्यमंत्री का यह सकारात्मक रुख है। ऐसी घटना पर यह एक अच्छा जवाब है और इस तरह के दृष्टिकोण का विकेंद्रीकरण क्यों नहीं किया जाता?’’ चुनाव अभियान से तुलना करते हुए बेदी ने कहा कि नेताओं को निर्वाचित होने के बाद लोगों से सीधे जुड़ने से नहीं कतराना चाहिए। पूर्व उपराज्यपाल 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार रही थीं।
बेदी ने कहा, ‘‘ चुनाव के दौरान जब प्रतिनिधि वोट मांगने निकलते हैं, तो क्या उन्हें किसी बात का डर होता है? वे निडर होकर जोखिम उठाते हैं। तो जनता द्वारा चुने जाने के बाद ऐसा क्यों नहीं? सभी विधायकों और यहां तक कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के पार्षदों को भी एक निश्चित समय पर यह जनसुनवाई शुरू करनी चाहिए और वरिष्ठ नौकरशाहों को भी ऐसी जनसुनवाई करनी चाहिए। ’’ उन्होंने कहा कि कई वरिष्ठ अधिकारी पहले से ही नागरिकों के साथ संवाद करते हैं, लेकिन कम से कम एक घंटे के लिए ऐसी परिपाटी को संस्थागत बनाने से ‘शहर के शासन में क्रांति आ सकती है।’ सुरक्षा चिंताओं पर, उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को उन्हीं लोगों से नहीं डरना चाहिए जिन्होंने उन्हें सत्ता में पहुंचाया है। उन्होंने कहा, ‘‘जन सुनवाई का वादा करने के बाद आप सुनवाई बंद नहीं कर सकते। हमारे पास व्यवस्थाएं मौजूद हैं। आज हमारे पास बहुत सारे कैमरे हैं। अगर कुछ होता भी है, तो हम उससे निपट लेते हैं।’’ इस घटना के बाद गुप्ता ने कहा था कि वह दिल्ली को कभी नहीं छोड़ेंगी और अपने जीवन का हर पल शहर के लोगों को समर्पित करेंगी।