छग सरकार जनजातीय समुदाय के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध : विधायक अजय चंद्राकर

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धमतरी{ गहरी खोज }: धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर जिला मुख्यालय धमतरी के सामुदायिक भवन में 15 नवंबर को जिलास्तरीय ‘जनजातीय गौरव दिवस’ कार्यक्रम गरिमामयी वातावरण में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में विधायक अजय चंद्राकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। इसके साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सर्वा, छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नेहरू निषाद, पूर्व विधायक रंजना साहू, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग विमल साहू, उप संचालक समाज कल्याण विभाग डॉ. मनीषा पाण्डे, विभिन्न जनजातीय समाजों के जिला प्रमुख, अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। सभी अतिथि एवं उपस्थितजन प्रधानमंत्री के संबोधन से वर्चुअली जुड़े।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा, वीर नारायण सिंह और छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुई। विधायक अजय चंद्राकर ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जनजातीय समुदाय के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जनजातीय उत्थान के तीन ऐतिहासिक मील के पत्थरों का उल्लेख करते हुए बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्यों का गठन जनजातीय पहचान और विकास के लिए युगांतरकारी कदम था। वाजपेयी द्वारा जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन कर जनजातीय हितों की सुरक्षा के लिए मजबूत ढांचा तैयार किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिरसा मुंडा जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ घोषित कर जनजातीय नायकों के सम्मान को राष्ट्रीय पहचान दी गई। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा ने 19वीं सदी में अंग्रेजों और स्थानीय शोषकों के विरुद्ध ‘उलगुलान’ आंदोलन की शुरुआत की थी। कम उम्र में ही उन्होंने आदिवासियों के पारंपरिक ‘खुंटकट्टी’ भूमि अधिकार और अन्यायपूर्ण लगान व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष किया। वे न केवल महान योद्धा थे, बल्कि समाज सुधारक और जनजातीय जागरण के प्रतीक भी थे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने प्रधानमंत्री आवास एवं जनमन आवास के हितग्राहियों को आवास की चाबियां सौंपीं। जनजातीय समुदाय के प्राकृतिक चिकित्सक (बैगा, गुनिया) को उनकी सेवाओं हेतु सम्मानित किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष और पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने भी जनजातीय संस्कृति, परंपरा और समाज के उत्थान पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में जनजातीय परंपराओं और महान नायकों के योगदान को स्मरण किया गया।

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