राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने पर रक्षा सहयोग और बढ़ाने पर सहमति जताई नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भारत-सिंगापुर रक्षा कार्य समूह की 16वीं बैठक में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों के दौरान लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की समीक्षा के बाद दोनों पक्षों ने संतोष व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके समकक्ष लॉरेंस वोंग के बीच नई दिल्ली में हुई बैठक के बाद यह वार्ता सिंगापुर में हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रोडमैप पर चर्चा हुई। सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग तीन दिन की यात्रा पर 02 सितंबर को नई दिल्ली पहुंचे और गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। भारत और सिंगापुर के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रोडमैप पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके समकक्ष लॉरेंस वोंग के बीच नई दिल्ली में हुई बैठक को लेकर जारी संयुक्त वक्तव्य के बाद रक्षा कार्य समूह की 16वीं बैठक सिंगापुर में हुई। बैठक की सह-अध्यक्षता भारतीय रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव (अंतरराष्ट्रीय सहयोग) अमिताभ प्रसाद और सिंगापुर रक्षा मंत्रालय के नीति कार्यालय के निदेशक कर्नल डैक्सन याप ने की। बैठक में पिछले रक्षा मंत्रियों की वार्ता और विभिन्न द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पहलों के दौरान लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में रक्षा दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान करने और बहुआयामी द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे के संपूर्ण क्षेत्र को कवर करने वाली पहलों की गति तेज करने का फैसला लिया गया। दोनों पक्षों ने चल रहे रक्षा सहयोग पर संतोष व्यक्त किया और सहयोग के मौजूदा क्षेत्रों, विशेष रूप से प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, उद्योग एवं प्रौद्योगिकी, समुद्री सुरक्षा और बहुराष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्र में, को बढ़ाने के उपायों की पहचान की। बैठक में सह-अध्यक्षों ने सहयोग के उभरते क्षेत्रों और वैश्विक साझा हितों से संबंधित मुद्दों की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों पर भी प्रकाश डाला। बैठक के दौरान संयुक्त सचिव ने उप-सचिव नीति बीजी फ्रेडरिक चू से भी मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान चांगी नौसैनिक अड्डे पर सूचना संलयन केंद्र और आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक साइबर सुरक्षा एवं सूचना उत्कृष्टता केंद्र का भी दौरा किया। वर्ष 2025 में भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 वर्ष पूरे होने पर दोनों सह-अध्यक्षों ने रक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।