नेशनल हेराल्ड और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की सच्चाई क्या है: कांग्रेस रणदीप सिंह

नयी दिल्ली { गहरी खोज }: नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की चार्जशीट दाखिल होने के बाद से कांग्रेस आगबबूला है। जांच एजेंसी के साथ ही पार्टी की ओर से केंद्र सरकार को भी घेरा जा रहा है। इस कड़ी में कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक पोस्ट कर मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा, नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की सच्चाई क्या है? क्योंकि आजकल बीजेपी और मोदी सरकार द्वारा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट और अटैच की गई संपत्ति बहुत चर्चा में है। क्या यह सच है या झूठ है? क्या यह असलियत है या फर्जीवाड़ा है? केवल साधारण तथ्यों से इसका आंकलन आप लगा सकते हैं। नेशनल हेराल्ड अखबार क्या है?
सुरजेवाला ने कहा, इस अखबार को साल 1937 में जंग-ए-आजादी की लड़ाई के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित किया गया। इसकी मालिक कंपनी एजेएल बनी। जिसके प्रणेता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, टंडन, किदवई व अन्य स्वतंत्रता सेनानी थे। यह अखबार स्वतंत्रता सेनानियों की आवाज उठाता आया, आजादी के आंदोलन की आवाज उठाता आया। इसी वजह से नेशनल हेराल्ड अखबार को अंग्रेजों ने 1942 के ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में इस पर बैन लगाया, जो 1945 तक चला। 1945 से आज तक यह अखबार चल रहा है और इसकी कंपनी एजेएल है।
उन्होंने कहा, आजादी मिलने के बाद यह अखबार अपने कर्मचारियों की तनख्वाह, वीआरएस की राशि, नगरपालिका कर, वैधानिक बकाया और जो कानूनी देनदारी नहीं चुका पाया, तो यह जिम्मेदारी कांग्रेस की थी। कांग्रेस ने समय-समय पर अखबार और एजेएल को कर्ज देकर इन सारी राशियों का भुगतान किया। क्योंकि यह स्वतंत्रता संग्राम की आवाज थी, जो कि करीब 90 करोड़ रुपए थी।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ये अखबार प्रॉफिट नहीं कमाता। इसलिए वह इस राशि का भुगतान कभी कर ही नहीं सकता था तो इसका हल क्या हो।