किडनी फेल से हो रही है बच्चों की मौत, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में सामने आई कई मामले

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लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में पिछले 25 दिनों में 7 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो चुकी है। इस तरह के मामलों की बढ़ती संख्या ने जिला अधिकारियों को सकते में डाल दिया है। जिन इलाकों में बच्चों के किडनी फेल से जुड़े मामले सामने आए हैं उन जगहों से पानी के सैंपल लिए गए हैं। साथ ही जिन बच्चों की मौत किडनी फेल से हुई है उनकी किडनी के बायोप्सी सैंपल लिए गए, जिसके आधार पर डॉक्टर फिलहाल कफ सिरप को बच्चों की किडनी फेल की वजह बता रहे हैं। शुरुआती जांच के आधार पर कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल नामक केमिकल की गड़बड़ी होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल जिला प्रशासन ने इन सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है। डॉक्टर और मेडिकल स्टोर्स के लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई है।

शुरुआती जांच में बच्चों की किडनी में इंफेक्शन देखा गया। बच्चों को शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार और पेशाब करने में कठिनाई आना शामिल है। डॉक्टर नितेश चौहान (कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजी, यशार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल फरीदाबाद) ने बताया कि जब बैक्टीरिया यूरेथ्रा से होकर किडनी तक पहुंच जाते हैं और वहां सूजन या इन्फेक्शन कर देते हैं। तो इसे किडनी इंफेक्शन कहा जाता है। यह समस्या अक्सर तब होती है जब पेशाब पूरी तरह बाहर नहीं निकलता, सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता या शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होती है। बच्चों और बुजुर्गों में इसका खतरा ज्यादा रहता है।

किडनी में इंफेक्शन कैसे होता है?
किडनी में इंफेक्शन तब होता है जब पेशाब की नली में बैक्टीरिया घुस जाते हैं और धीरे-धीरे ऊपर जाकर किडनी तक पहुंच जाते हैं। अगर कोई बार-बार पेशाब रोकता है, पानी कम पीता है या निजी साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखता, तो इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। कुछ मामलों में यूरिनरी ब्लैडर में पथरी या रुकावट भी इसका कारण बन सकती है।

किडनी इंफेक्शन कितना खतरनाक है और इससे कैसे बचें?
अगर समय पर इलाज न मिले तो किडनी इंफेक्शन बहुत खतरनाक हो सकता है। इससे किडनी को स्थायी नुकसान, ब्लड इंफेक्शन या किडनी फेल्योर तक हो सकता है। इससे बचने के लिए खूब पानी पिएं, साफ-सफाई रखें, पेशाब कभी न रोकें और अगर पेशाब में जलन, बुखार या पीठ में दर्द जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।

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