खंडवा में जल संरक्षण बना जन आंदोलन, केंद्रीय रैंकिंग में नंबर वन

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खंडवा में जल संरक्षण

खंडवा{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले ने जल संचय करने के मामले में पूरे देश में कीर्तिमान रच दिया है। यहां जल शक्ति अभियान के तहत 1.29 लाख से अधिक जल संरचनाओं का निर्माण कार्य किया गया है, जिसके चलते केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की रैंकिंग सूची में खंडवा जिले का नाम देश भर में नंबर एक पर रहा है। भारत सरकार के जल शक्ति अभियान “कैच द रेन” के तहत शुरू की गई “जल संचय, जन भागीदारी” पहल में खंडवा जिले ने जल संरक्षण के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल प्रबंधन के समग्र दृष्टिकोण के तहत इस अभियान का उद्देश्य वर्षा जल के संचयन और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है, जिसका मंत्र है “जहां गिरे, जब गिरे, वर्षा का जल संचित करें।”
खंडवा की उपलब्धि को लेकर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ। नागार्जुन बी। गौड़ा ने समाचार एजेंसी को बताया, “खंडवा जिले में इस अभियान के अंतर्गत मनरेगा, 15वां वित्त आयोग, कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व और विशेष रूप से जन सहयोग के माध्यम से 1,29,046 से अधिक जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण और पंजीकरण किया गया है।”
खंडवा के जिला कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया, “जिले ने इससे न केवल भूजल स्तर में सुधार किया है, बल्कि वर्षा जल का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित कर भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा को मजबूत किया है। जिले के इस प्रयास से न केवल जल संरक्षण के क्षेत्र में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है, बल्कि सामुदायिक भागीदारी और सरकारी पहल के समन्वय से जल संकट का समाधान संभव करके दिखाया है।”
उल्लेखनीय है कि जल शक्ति जन भागीदारी अभियान के तहत जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग द्वारा शुरू किया गया था। यह कम लागत और वैज्ञानिक तरीकों से भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
इसका मुख्य लक्ष्य सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से जल संकट और भूजल ह्रास जैसी चुनौतियों का समाधान करना है। यह अभियान पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहा है, जो दर्शाता है कि हर बूंद अनमोल है और इसे संरक्षित करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

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