ॐ जयति जय सिद्धिदात्री, मैया जयति जय सिद्धिदात्री…नवरात्रि के नौवें दिन जरूर करें मां सिद्धिदात्री की आरती

धर्म { गहरी खोज } : नवरात्रि के नौवें और आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मान्यता है माता के इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को अष्ट सिद्धियां प्राप्त होती हैं। मां दुर्गा का सिद्धिदात्री स्वरूप अत्यंत दिव्य और मनमोहक माना गया है। मां श्वेत वस्त्रों से अलंकृत रहती है और उनका वाहन सिंह है। मां की अराधना से भौतिक सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी होती है। अगर आप भी मां सिद्धिदात्री की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो नवरात्रि के नौवें दिन उनकी आरती जरूर करें।
सिद्धिदात्री माता की आरती
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री
मैया जयति जय सिद्धिदात्री
हम भक्तों की मैया
हम भक्तों की मैया
तुम हो महतारी
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री मैया
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री
मैया जयति जय सिद्धिदात्री
हम भक्तों की मैया
हम भक्तों की मैया
तुम हो महतारी
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री मैया
अष्ट सिद्धि प्रदायिनी
तुम हो जग माता
मैया तुम हो जग माता
तुमसे कुछ न असंभव
तुमसे कुछ न असंभव
सब तुमसे आता
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री मैया
ऋषि मुनि देव योगी
नर गुणगान करे
मैया नर गुणगान करे
दुष्टों को माँ मारे
दुष्टों को माँ मारे
काल भी माँ से डरे
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री मैया
जग में अनुपम महिमा
दुःख दरिद्र मिटे
मैया दुःख दरिद्र मिटे
दया तुम्हारी मैया
दया तुम्हारी मैया
समृद्धि बरसे
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री मैया
शुम्भ निशुम्भ को मारा
लीला अति न्यारी
मैया लीला अति न्यारी
अपना दास बनाओ
अपना दास बनाओ
भोले की प्यारी
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री मैया
शंख गदा और चक्र
पुष्प कमल सोहे
मैया पुष्प कमल सोहे
छवि माँ की प्यारी
छवि माँ की प्यारी
सबका मन मोहे
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री मैया
नवराते में नावें दिन
करते माँ का ध्यान
करते माँ का ध्यान
मनवांछित फल पावे
मनवांछित फल पावे
मिट जावे अज्ञान
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री मैया
माँ गृह मेरे विराजो
सदा सहाय बनो
मैया सदा सहाय बनो
काज संवारना मैया
काज संवारना मैया
मेरे मन में बसो
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री मैया
माँ सिद्धिदात्री के आरती
जो मन से गावे
मैया जो मन से गावे
सर्व सिद्धि वो पावे
सर्व सिद्धि वो पावे
मन नहीं घबरावे
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री मैया
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री
मैया जयति जय सिद्धिदात्री
हम भक्तों की मैया
हम भक्तों की मैया
तुम हो महतारी
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री मैया
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री
मैया जयति जय सिद्धिदात्री
हम भक्तों की मैया
हम भक्तों की मैया
तुम हो महतारी
ॐ जयति जय सिद्धिदात्री मैया
मां सिद्धिदात्री की आरती
जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।
तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।
तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है।
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।
तू सब काज उसके करती है पूरे।
कभी काम उसके रहे ना अधूरे।
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।
मां सिद्धिदात्री की आरती का महत्व
धार्मिक मान्यताओं अनुसार जो भक्त नवरात्रि के नौवें दिन पूरे मन और श्रद्धाभाव से मां सिद्धिदात्री का ध्यान करते हैं और उनकी आरती गाते हैं उन्हें सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। कहते हैं इस आरती का पाठ करने से जीवन में सुख और समृद्धि भी आती है।