सिर्फ चुनावों में पैसा बांटने से कल्याण नहीं होता : जोशी

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने संविधान के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए आर्थिक समानता और सभी राज्यों के समान विकास की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ चुनावों में ‘‘पैसे बांटने’’ से कल्याण नहीं होता। बृहस्पतिवार को यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जोशी ने सुझाव दिया कि भेदभाव समाप्त करने के लिए मौजूदा बड़े राज्यों को छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित किया जाना चाहिए, जिनमें लगभग समान संख्या में विधानसभाएं और करीब-करीब समान जनसंख्या हो। यह कार्यक्रम भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त और पूर्व विधि सचिव जी. वी. जी. कृष्णमूर्ति की 91वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। जोशी ने कहा कि हर नागरिक को मतदान का समान अधिकार प्राप्त है, लेकिन कर्नाटक, बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति में बहुत अंतर है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘कर्नाटक में किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति क्या है? वह एक खास आर्थिक क्षमता के साथ वोट करता है…… और फिर रेगिस्तान, पहाड़ों या पूर्वोत्तर में रहने वाले व्यक्ति की आर्थिक स्थिति क्या है? क्या उसकी वही आर्थिक स्थिति है? नहीं है।’’ जोशी ने कहा कि संविधान ‘‘आर्थिक और राजनीतिक- दोनों तरह के न्याय का अधिकार’’ प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक अधिकार के लिए आपको वोट देने का अधिकार दिया गया है। लेकिन यह मतदान का अधिकार मैं तब तक इस्तेमाल नहीं कर सकता, जब तक मुझे आर्थिक न्याय न मिले। इस बारे में आंबेडकर ने भी बहुत बात की है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था खोजने की आवश्यकता है, जिसमें राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों का समान वितरण हो और विकास में भी समानता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा, ‘‘यदि ऐसा नहीं हुआ, तो लोकतंत्र के प्रति सभी प्रतिबद्धताओं और कल्याण के सभी संकल्पों के बावजूद हम वास्तविक अर्थों में लोकतांत्रिक नहीं बन पाएंगे। हम जनता की सही मायने में सेवा नहीं कर पाएंगे।’’ जोशी ने कहा कि आर्थिक स्थिति और विकास में अंतर ही ‘‘भेदभाव’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘कल्याण चुनावों में पैसा बांटने से नहीं होता।’’
पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने बिहार चुनाव परिणामों को लेकर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्ष के बीच वाकयुद्ध का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जैसे आज लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आपने चुनावों से पहले पैसा बांटा। सरकार कहती है कि उसने यह पैसा कल्याण के लिए दिया। वे कहते हैं नहीं, आपने वोट खरीदने के लिए पैसा बांटा।’’ जोशी ने कहा कि इस समस्या का समाधान पंडित दीनदयाल उपाध्याय के उस प्रस्ताव में निहित है, जिसमें उन्होंने एक बार कहा था कि ‘‘छोटे राज्य होने चाहिए।’’

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