व्यक्तिगत प्रदर्शन की सराहना कर सकते हैं लेकिन सीरीज हार का जश्न नहीं मना सकते: गंभीर
नई दिल्ली{ गहरी खोज } : भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने कहा कि हारने के बावजूद “सराहनीय” व्यक्तिगत प्रदर्शन को कभी भी मनाया नहीं जाना चाहिए। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में वनडे सीरीज में टीम की हार पर आलोचनात्मक नजरिया पेश किया। ‘bcci.tv’ को दिए एक इंटरव्यू में गंभीर ने कहा कि हालांकि वह व्यक्तिगत रूप से अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों से खुश हो सकते हैं, लेकिन बड़ी तस्वीर — यानी सीरीज हार — को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
ऑस्ट्रेलिया में हुई वनडे सीरीज में रोहित शर्मा और विराट कोहली ने आईपीएल के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की। रोहित को सीरीज के तीसरे वनडे में शतक और दूसरे मैच में 73 रनों की पारी खेलने के लिए ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुना गया। वहीं कोहली, पहले दो मैचों में लगातार शून्य पर आउट होने के बाद अंतिम मुकाबले में 74 रन बनाकर फॉर्म में लौटे। श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल ने भी श्रृंखला में प्रभावशाली व्यक्तिगत प्रदर्शन किया। गंभीर ने हालांकि किसी खिलाड़ी का नाम नहीं लिया और न ही उनसे किए गए सवाल में किसी का नाम उल्लेखित था।
उन्होंने कहा, “मैं हमेशा इस बात में विश्वास करता हूं कि क्रिकेट केवल व्यक्तिगत प्रदर्शन के बारे में नहीं है। मैं व्यक्तिगत प्रदर्शन से बहुत खुश हो सकता हूं और रहूंगा भी, लेकिन आखिरकार वनडे सीरीज हार गए — यही सबसे बड़ा निष्कर्ष है, और कोच के तौर पर मैं कभी भी सीरीज हार का जश्न नहीं मना सकता।” रोहित और कोहली टेस्ट और टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, जिसके कारण उनके सीमित वनडे मुकाबले प्रशंसकों के लिए और अधिक चर्चित बन गए हैं। गंभीर ने आगे कहा, “एक खिलाड़ी के रूप में मैं व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना कर सकता हूं, लेकिन कोच के रूप में यह मेरी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम एक देश और व्यक्ति के तौर पर कभी भी सीरीज हार का जश्न न मनाएं।” वनडे श्रृंखला के बाद भारत ने पांच मैचों की टी20 श्रृंखला 2-1 से जीत ली। गंभीर ने कहा कि उस जीत से भी टीम ने बहुत कुछ सीखा। उन्होंने कहा, “आखिरकार हम देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हां, टी20 श्रृंखला अलग थी — हमने सीरीज जीती, बहुत सारे सकारात्मक पहलू थे, लेकिन सीखने के लिए भी बहुत कुछ मिला।”
