राष्ट्रपति मुर्मू दो देशों की राजकीय यात्रा के तहत अंगोला पहुंचीं

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लुआंडा{ गहरी खोज }: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार को अफ्रीकी देश अंगोला के छह दिवसीय राजकीय दौरे के पहले चरण में लुआंडा पहुंचीं। इसके बाद वह पड़ोसी देश बोत्सवाना जाएंगी। विदेश मंत्रालय (MEA) ने 8 से 13 नवम्बर के इस दो-देशीय दौरे को भारत के अफ्रीकी क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग के नए अवसर खोलने और साझेदारी को बढ़ाने के प्रयास का हिस्सा बताया है। यह दोनों देशों के लिए किसी भारतीय राष्ट्रपति की पहली राजकीय यात्रा है।
मुर्मू का लुआंडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अंगोला के विदेश मंत्री टेटे एंटोनियो और दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वागत किया। आगामी तीन दिनों में राष्ट्रपति मुर्मू उच्च-स्तरीय बैठकों में हिस्सा लेंगी, जिनमें अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुएल गोंकाल्वेस लौरेन्सो के साथ द्विपक्षीय वार्ता और देश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ समारोह में भागीदारी शामिल है।
वह अंगोला की संसद को संबोधित करेंगी और भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात करेंगी। विदेश मंत्रालय के आर्थिक संबंध सचिव सुधाकर दलेला ने गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “भारत और अंगोला के बीच मित्रता और सहयोग के बहुत घनिष्ठ संबंध हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ रहे हैं। हमारे बीच ऊर्जा क्षेत्र में भी मजबूत साझेदारी है।”
उन्होंने कहा कि यह दौरा कृषि, स्वास्थ्य, ऊर्जा, व्यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी, अवसंरचना विकास, रक्षा और जन-से-जन संपर्क जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग की समीक्षा और विस्तार का अवसर प्रदान करेगा। सचिव ने बताया कि यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस वर्ष दोनों देश अपने राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। राष्ट्रपति मुर्मू 11 नवम्बर को अपनी यात्रा के दूसरे चरण में बोत्सवाना की राजधानी गाबोरोन जाएंगी।
वहां वह राष्ट्रपति डुमा गिदोन बोक से मुलाकात करेंगी, राष्ट्रीय संसद को संबोधित करेंगी और भारत में चीता पुनर्वास परियोजना (प्रोजेक्ट चीता) से संबंधित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी। दलेला ने कहा, “हमें विश्वास है कि राष्ट्रपति की यह यात्रा अंगोला और बोत्सवाना के साथ भारत के दीर्घकालिक सहयोगी संबंधों को और मजबूत करेगी और साझेदारी के नए रास्ते खोलेगी। यह भारत की अफ्रीकी महाद्वीप के साथ बहुआयामी साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।” राष्ट्रपति के साथ रेल और जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमन्ना तथा लोकसभा सांसद प्रभुभाई वसावा और डी. के. अरुणा भी इस यात्रा में शामिल हैं।

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