दिल्ली उच्च न्यायालय ने अर्नब गोस्वामी के विरूद्ध मानहानि शिकायत एवं समन को किया खारिज
नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2016 में एक समाचार चैनल पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर एक वकील द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत में टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी को जारी समन मंगलवार को रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने गोस्वामी और टीवी चैनल के दो पूर्व अधिकारियों – श्रीजीत रमाकांत मिश्रा और समीर जैन के खिलाफ आपराधिक शिकायत को भी खारिज कर दिया। मिश्रा और जैन के खिलाफ जारी समन भी उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिए। विस्तृत आदेश का इंतजार है।
उच्च न्यायालय ने यह आदेश तीन अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया, जिनमें मानहानि की शिकायत में निचली अदालत द्वारा जारी किये गये समन को चुनौती दी गई थी। दरअसल अधिवक्ता विक्रम सिंह चौहान ने दावा किया था कि गोस्वामी और अन्य ने एक टीवी चैनल पर जानबूझकर उन्हें बदनाम किया था। कथित टिप्पणियां पटियाला हाउस अदालत में हुई हिंसा पर आधारित एक टीवी कार्यक्रम के दौरान की गयी थी। वर्ष 2016 की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की एक घटना के बाद पटियाला हाउस में यह हिंसा हुई थी। दरअसल उस साल विश्वविद्यालय में भारत विरोधी नारे लगाये गये थे।
अपनी शिकायत में अधिवक्ता ने दावा किया था कि 19 फरवरी 2016 को कार्यक्रम के दौरान गोस्वामी ने उनके खिलाफ ‘निराधार और अपमानजनक’ आरोप लगाए थे। पंद्रह फरवरी, 2016 को जब आरोपी कन्हैया कुमार को रिमांड के लिए पटियाला हाउस अदालत में लाया गया, तो वकीलों के एक समूह ने कथित तौर पर कन्हैया कुमार और कई पत्रकारों की पिटाई कर दी। यही स्थिति 17 फरवरी, 2016 को भी बनी रही। तब संबंधित मजिस्ट्रेट को सुरक्षा कारणों से अपने कक्ष में ही कार्यवाही करने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह घटना कैमरे में रिकार्ड हो गई, जिसमें कथित तौर पर चौहान भीड़ का हिस्सा थे।
