इस्पात की कम कीमतें छोटी कंपनियों के लिए समस्या: सचिव
नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: इस्पात सचिव संदीप पौंड्रिक ने मंगलवार को कहा कि बाजार में इस्पात की कम कीमतें छोटी कंपनियों के लिए समस्या है। खासकर तब जब सरकार अगले पांच से सात वर्ष में इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की क्षमता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। ‘इस्पात शिखर सम्मेलन 2025’ को संबोधित करते हुए पौंड्रिक ने कहा कि पांच साल पहले इस्पात की कीमतें अपेक्षा से अधिक थीं। उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि आज इस्पात की कीमतें अपेक्षा से कम हैं। इसलिए कीमत एक चुनौती है… छोटी कंपनियां समस्याओं का सामना कर रही हैं।’’ पौंड्रिक ने कहा कि कम कीमत के कारण लगभग 150 छोटी कंपनियों ने इस्पात का उत्पादन बंद कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए ये लोग, छोटी कंपनियां समस्याओं का सामना कर रही हैं। आपने अभी-अभी सभी कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे देखे हैं, लगभग सभी के मुनाफे में कमी आई है।’’ सचिव ने कहा, ‘‘ कीमत एक समस्या है, खासकर तब जब हमें अगले पांच से सात वर्ष में 10 करोड़ टन क्षमता में निवेश करना होगा।’’
उन्होंने साथ ही कहा कि दुनिया भर में खासकर चीन में अधिशेष उत्पादन और उसके परिणामस्वरूप ‘डंपिंग’ न केवल हमारे लिए, बल्कि हर देश के लिए…एक वास्तविक समस्या है। पौंड्रिक ने कहा, ‘‘ क्योंकि इसका असर कीमतों पर पड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि घरेलू इस्पात कंपनियों को उचित मूल्य मिले। सचिव ने कहा, ‘‘ सरकार ने आयातित इस्पात पर अस्थायी रूप से सुरक्षा शुल्क लगाया है ताकि घरेलू इस्पात उद्योग को कोई समस्या न हो।’’ पौंड्रिक ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि इस्पात की खपत बढ़ रही है और उत्पादन क्षमता भी बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ बढ़ती खपत को पूरा करने के लिए पिछले 10 वर्ष में नई क्षमताएं विकसित हो रही हैं।’’ सचिव ने कहा कि देश की दीर्घकालिक आत्मनिर्भरता के लिए इस्पात उद्योग को संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक रणनीतिक क्षेत्र है। यदि आप आयात पर निर्भर हो जाते हैं, तो आपको भू-राजनीतिक कारणों से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसा कि हम आज दुनिया में देख रहे हैं।’’ इस्पात उद्योग पर तीन-चार बड़ी कंपनियों के प्रभुत्व की धारणा को खारिज करते हुए पौंड्रिक ने कहा कि भारत में 47 प्रतिशत इस्पात का उत्पादन 2,200 मध्यम स्तर की इस्पात उत्पादक कंपनियों द्वारा किया जाता है। पौंड्रिक ने कहा कि हाइड्रोजन की कीमतें ‘‘हमारी उम्मीद’’ से कहीं अधिक तेजी से कम हो रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हो सकता है कि अगले पांच से 10 वर्ष में हाइड्रोजन प्राकृतिक गैस का एक व्यवहार्य विकल्प बन जाए और हाइड्रोजन मार्ग हरित इस्पात के लिए एक व्यवहार्य विकल्प बन सकता है।’’ पौंड्रिक ने कहा कि विशेष इस्पात पर अधिक निवेश और ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘ क्योंकि जैसे-जैसे हमारा रक्षा क्षेत्र विकसित होगा, हमें अधिक से अधिक विशेष इस्पात की आवश्यकता होगी।’’
