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संपादकीय { गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद एक मस्जिद के बाहर एकत्र स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। स्थानीय धर्मगुरु और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के आह्वान पर कई प्रदर्शनकारी ‘आइ लव मोहम्मद’ अभियान के समर्थन में मस्जिद के बाहर एकत्र हुए थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने गोलीबारी और पथराव भी किया, जिसमें 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़कर प्रदर्शनकारियों को तितर बितर किया। डीआइजी अजय साहनी अनुसार इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के कार्यकर्ता और समर्थक जुमे की नमाज के बाद करोलान, शहामतगंज, आजमनगर और कोतवाली के पास जमा होकर नारेबाजी करते हुए सड़क पर उतर आए। पुलिस के रोकने पर भीड़ ने पथराव और तमंचों से गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने सख्ती बरतते हुए भीड़ को खदेड़ दिया। शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में लगभग 4500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा घोषित प्रदर्शन स्थल और उसके आसपास के इलाकों की ड्रोन से निगरानी की जा रही है। बता दें कि, इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आइएमसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने ‘आइ लव मोहम्मद’ के मुद्दे पर प्रदर्शन के लिए जुमे की नमाज के बाद लोगों से इस्लामियां इंटर कालेज के मैदान में जमा होने की अपील की थी। उन्होंने जुलूस के रूप में कलक्ट्रेट में जाकर जिलाधिकारी को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन देने का एलान भी किया था। गुरुवार को जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया था कि प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी।
इस विवाद का संबंध नौ सितंबर से है, जब कानपुर पुलिस ने चार सितंबर को बारावफात के जुलूस के दौरान कानपुर की एक सार्वजनिक सड़क पर कथित तौर पर ‘आइ लव मोहम्मद’ लिखे बोर्ड लगाने के आरोप में नौ नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

इस कदम पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई और इसे एक ‘नया चलन’ करार दिया और आरोप लगाया कि यह जानबूझकर उकसाने वाला कदम है। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह दावा करने के बाद कि ‘आइ लव मोहम्मद’ कहना कोई अपराध नहीं है, इस विवाद ने और अधिक तूल पकड़ लिया। पुलिस पर पथराव व फायरिंग तथा उपद्रव का मुख्य साजिशकर्ता इत्तेहाद-ए-मिल्लत कांऊसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां को गिरफ्तार कर लिया गया। उसको और कुछ सहयोगियों को भी पकड़ कर पूछताछ हो रही है। पुलिस ने तीन हजार आरोपियों पर मामला दर्ज किया है। आरंभिक जांच में उपद्रवी पुलिस पर हमले के लिए तमंचे, कारतूस, तेजाब व पेट्रोल भरी कांच की बोतलें, लोहे की राड-डंडे लेकर आए थे। जिले में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। एसएसपी ने बताया कि 170 सीसीटीवी कैमरों के सहारे उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। पुलिस के अनुसार, उपद्रव की पटकथा लिखने के बाद मौलाना तौकीर खुद इस्लामिया मैदान नहीं पहुंचा। वह वीरवार रात को ही अपने दोस्त फरहत के घर चला गया था। वहीं से गिरफ्तारी हुई। आला हजरत खानदान का सदस्य मौलाना तौकीर वर्ष 2010 में बरेली में हुए दंगे का भी आरोपित है।

‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर देश के कई शहरों में भी लगाए जाने के कारण स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन नियंत्रण में एक लोकतांत्रिक देश में अपनी बात कहने का हक सबको है लेकिन नफरत व साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने का हक किसी को नहीं है। मौलाना तौकीर रजा ने दूसरों के बच्चों को भड़काया और स्वयं उस मैदान में नहीं आया जहां आने का आहवान किया था। इसी से समझा जा सकता है कि मौलाना तौकीर रजा धर्म के नाम पर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर केवल अपना राजनीतिक खेल ही खेल रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी में मोदी विरोधी देश में कुछ ऐसा माहौल बनाने के प्रयास में है कि ऐसा लगे कि शायद लोकतंत्र खतरे में है जबकि स्थिति विपरीत है। केंद्र सरकार की नीतियां जन-साधारण को राहत देने वाली और लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने वाली है। राहुल गांधी जिस तरह पिछले कुछ वर्षों से मोदी सरकार व विशेषतया प्रधानमंत्री मोदी के प्रति जिस भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। वह विपक्षी नेता के कद को ही छोटा कर रही है। राहुल गांधी को समर्थन करते उनके सहयोगी दलों के नेता जनसाधारण के दिलों में भ्रम-भ्रातियां ही पैदा कर रहे हैं। उपरोक्त स्थिति का लाभ लेते हुए विदेशों में तथा देश में बैठी राष्ट्र विरोधी शक्तियां साम्प्रदायिक दंगे करवा भारत के विकास के राह पर बढ़ते कदमों को रोकने का प्रयास करती है। नमाज के बाद हुआ बवाल भी ऐसा ही मामला है। समाज व सरकार को सतर्क रहने की आवश्यकता है। समय की मांग है कि राष्ट्र विरोधी ताकतों विरुद्ध सख्ती से काम लिया जाए।

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