अमेरिका के एच-1बी वीजा आवेदन शुल्क बढ़ाने से भारतीय तकनीकी कंपनियों पर होगा असर: नैस्कॉम

नयी दिल्ली { गहरी खोज }:उद्योग निकाय नैस्कॉम ने शनिवार को कहा कि एच-1बी वीजा आवेदन शुल्क बढ़ाकर एक लाख डॉलर करने के अमेरिका के कदम से भारत की प्रौद्योगिकी सेवा कंपनियों पर असर पड़ेगा। नैस्कॉम ने कहा कि इससे विदेश में चल रही उन परियोजनाओं की व्यावसायिक निरंतरता बाधित होगी, जिनमें समायोजन की जरूरत हो सकती है। शीर्ष निकाय ने इस बढ़ी हुई राशि को लागू करने के लिए 21 सितंबर की समय-सीमा पर भी चिंता जताई और कहा कि एक दिन की समय-सीमा दुनिया भर के व्यवसायों, पेशेवरों और छात्रों के लिए काफी अनिश्चितता पैदा करती है।
एक बयान के मुताबिक अमेरिका के इस कदम से वैश्विक और भारतीय कंपनियों के लिए काम करने वाले एच-1बी वीजा धारक भारतीय नागरिक प्रभावित होंगे। इसमें आगे कहा गया, ”हम आदेश के बारीक विवरणों की समीक्षा कर रहे हैं। इस प्रकार के समायोजन का अमेरिका के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र और व्यापक रोजगार अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है।” नैस्कॉम ने कहा, ”भारत की प्रौद्योगिकी सेवा कंपनियां भी प्रभावित होंगी, जबकि विदेश में चल रही उन परियोजनाओं के लिए व्यावसायिक निरंतरता बाधित होगी, जिनमें समायोजन की आवश्यकता हो सकती है।” बयान के मुताबिक कंपनियां बदलावों के अनुसार ढ़लने के लिए ग्राहकों के साथ मिलकर काम करेंगी।
नैस्कॉम ने यह भी कहा कि भारत और भारत-केंद्रित कंपनियों ने हाल के वर्षों में स्थानीय नियुक्तियों में वृद्धि करके इन वीजा पर अपनी निर्भरता लगातार कम की है। नैस्कॉम ने कहा कि ये कंपनियां अमेरिका में एच-1बी प्रक्रियाओं के लिए सभी आवश्यक अनुपालन का पालन करती हैं, प्रचलित वेतन का भुगतान करती हैं, स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देती हैं तथा शिक्षा जगत और स्टार्टअप के साथ नवाचार साझेदारी करती हैं।
उद्योग निकाय ने जोर देकर कहा कि इन कंपनियों के एच-1बी कर्मचारी किसी भी तरह से अमेरिका में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा नहीं हैं। नैस्कॉम ने कहा, ”इस फैसले को लागू करने की समय-सीमा (21 सितंबर) भी चिंता का विषय है। एक दिन की समय-सीमा दुनिया भर के व्यवसायों, पेशेवरों और छात्रों के लिए काफी अनिश्चितता पैदा करती है।” नैस्कॉम के अनुसार इस पैमाने के नीतिगत बदलाव के लिए पर्याप्त समय देना चाहिए, जिससे संगठनों और व्यक्तियों को प्रभावी ढंग से योजना बनाने और व्यवधान को कम करने में मदद मिलती है। बयान में कहा गया कि उच्च-कौशल वाली प्रतिभा अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नवाचार, प्रतिस्पर्धात्मकता और वृद्धि को गति देने के लिए महत्वपूर्ण है। नैस्कॉम ने कहा कि यह बात ऐसे समय में खासतौर से महत्वपूर्ण है, जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और अन्य अग्रणी तकनीकों में प्रगति वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को परिभाषित करने के लिए तैयार है।