ममता ने खुदीराम बोस को श्रद्धांजलि दी, स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने पर ‘केसरी 2’ की आलोचना की

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कोलकाता{ गहरी खोज }: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस की पुण्यतिथि पर सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी और बंगाली क्रांतिकारियों को कथित तौर पर गलत तरीके से पेश करने के लिए हिंदी फिल्म ‘केसरी चैप्टर 2’ के निर्माताओं की आलोचना की। बनर्जी ने दावा किया कि फिल्म में खुदीराम बोस का नाम गलत तरीके से ‘‘खुदीराम सिंह’’ और बारिंद्र कुमार घोष को अमृतसर निवासी ‘‘बिरेन्द्र कुमार’’ के रूप में दिखाया गया है। उन्होंने बोस को ‘‘देशभक्ति और सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक’’ बताया।
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘क्रांतिकारी खुदीराम बोस के शहादत दिवस पर मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। हाल में एक हिंदी फिल्म में क्रांतिकारी खुदीराम को ‘सिंह’ कहा गया। जो लोग स्वतंत्रता के लिए शहीद हुए, उनका अपमान क्यों किया जा रहा है? क्या अब ‘भाषा-आतंकवादी’ अमर क्रांतिकारी खुदीराम के नाम को भी तोड़-मरोड़ देंगे?’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे मेदिनीपुर के अजेय युवा को पंजाब के लड़के के रूप में दिखाया गया है। यह असहनीय है लेकिन हमने हमेशा इस महान व्यक्ति को श्रद्धांजलि दी है जो देशभक्ति और सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक हैं।’’
जून में ‘केसरी चैप्टर 2’ के निर्माताओं के खिलाफ ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ के आरोप में ‘बिधाननगर साउथ’ थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि फिल्म में खुदीराम बोस को ‘‘सिंह’’ और बारिंद्र कुमार घोष को अमृतसर निवासी ‘‘बिरेन्द्र कुमार’’ के रूप में दिखाया गया है। देश के सबसे कम उम्र के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक खुदीराम बोस को 11 अगस्त 1908 को 18 वर्ष की उम्र में मुजफ्फरपुर बम कांड में उनकी भूमिका के लिए फांसी दी गई थी। बनर्जी ने बोस की विरासत को संजोने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया, जिनमें उनके जन्मस्थान महबनी और आसपास के क्षेत्रों का विकास महबनी विकास प्राधिकरण के तहत करना शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने कोलकाता में एक मेट्रो स्टेशन का नाम भी खुदीराम बोस के नाम पर रखा है।

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