तेजी से बदलते सुरक्षा परिदृश्य में युद्ध के दौरान लापरवाही या चूक की गुंजाइश नहीं : राजनाथ

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राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए नागरिक और सैन्य कर्मियों के बीच तालमेल बढ़ाने का आह्वान
नई दिल्ली{ गहरी खोज }: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज के अनिश्चित समय में सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए नागरिक और सैन्य कर्मियों के बीच तालमेल बढ़ाने का आह्वान किया है। उन्होंने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ की सफलता के पीछे रक्षा मंत्रालय के विभिन्न विभागों से सशस्त्र बलों को दिए गए समर्थन को मुख्य वजह बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध सिर्फ सेना नहीं लड़ती, बल्कि पूरा देश लड़ता है और आज के तेजी से बदलते सुरक्षा परिदृश्य में हम जरा सी भी लापरवाही या चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ सकते।
रक्षा मंत्री शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित डीआरडीओ भवन में 84वें सशस्त्र बल मुख्यालय नागरिक सेवा दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। मजबूत सैन्य शक्ति के लिए एक मजबूत प्रशासनिक व्यवस्था के अनिवार्य होने पर जोर देते हुए राजनाथ सिंह ने युद्ध और शांति काल में देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने के लिए वायु​ सेना को सराहा। रक्षा मंत्री ने वायु सेना मुख्यालय के अधिकारियों से सर्वोत्तम प्रणालियों का आकलन करने और उन्हें अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उभरती प्रौद्योगिकियां, नई चुनौतियां और बदलते वैश्विक परिदृश्य इस बात का संकेत हैं कि प्रशिक्षण केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि विकास का एक सतत चक्र होना चाहिए।
कार्यक्रम ​में रक्षा मंत्री ने संयुक्त सचिव एवं मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कार्यालय की पुनर्विकसित वेबसाइट www.caomod.gov.in का शुभारंभ किया, ​जिससे कर्मचारियों और आम जनता को कार्यालय से संबंधित सभी प्रासंगिक जानकारी ​मिल सकेंगी।​ यहां कर्मचारी पदोन्नति, स्थानांतरण, चिकित्सा भत्ते की स्थिति, वेतन पर्ची और फॉर्म-16 आदि जैसे अपडेट ​मिलेंगे। रक्षा मंत्री ने वायु​ सेना मुख्यालय के कार्मिकों को खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों के लिए ​सम्मानित किया तथा कर्मचारियों के कुछ बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार ​दिए।​ राजनाथ सिंह ने ‘विकसित भारत@2047: कर्मचारियों के विचार’ पुस्तक और ‘संवाद’ पत्रिका का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, सचिव (पूर्व-सैनिक कल्याण) डॉ. नितेन चंद्रा, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत और वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) डॉ. मयंक शर्मा तथा रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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