सिलेंडर ब्लास्ट में महिला के पेट में घुसी स्टील की थाली, सर्जन ने 3 घंटे के ऑपरेशन के बाद बचाई जान

फर्रुखाबाद{ गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद में, जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. रोहित तिवारी ने एक अविश्वसनीय ऑपरेशन को अंजाम देकर एक गरीब महिला की जान बचाई, जिसके पेट में सिलेंडर ब्लास्ट के कारण स्टील की थाली घुस गई थी। लगभग तीन घंटे चले इस जटिल ऑपरेशन के बाद, डॉक्टर ने थाली को सफलतापूर्वक बाहर निकाला और महिला को मौत के मुँह से वापस खींच लिया। परिजनों ने डॉक्टर को ‘भगवान का रूप’ बताते हुए उनका आभार व्यक्त किया। यह हृदय विदारक घटना फर्रुखाबाद जनपद के विकास खंड शमसाबाद में हुई, जहाँ टीकमगढ़ जनपद के आदिवासी समुदाय के लोग पिछले दो-तीन माह से रह रहे हैं और चूड़ी-कंगन बेचकर अपना गुजारा करते हैं। कल शाम, सनी की पत्नी छोटी कुमारी गैस सिलेंडर पर खाना बना रही थीं, तभी अचानक सिलेंडर में भीषण ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट के कारण सिलेंडर पर रखी स्टील की थाली उछलकर छोटी के पेट में जा घुसी। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से गंभीर रूप से घायल छोटी को तत्काल जिला अस्पताल, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया।
छोटी की गंभीर हालत को देखते हुए, सर्जन डॉ. रोहित तिवारी ने सीएमएस से परामर्श कर तत्काल ऑपरेशन का निर्णय लिया। डॉ. रोहित तिवारी और उनकी टीम ने लगभग तीन घंटे तक चले इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। उन्होंने न केवल पेट से थाली को बाहर निकाला, बल्कि थाली घुसने से छोटी आंत सहित पेट के अन्य क्षतिग्रस्त अंगों का भी उपचार किया।
डॉ. रोहित तिवारी ने बताया कि यह एक बहुत ही जटिल ऑपरेशन था, और ऐसे ऑपरेशन आमतौर पर मेडिकल कॉलेज या बड़े अस्पतालों में ही संभव हो पाते हैं। हालांकि, मरीज की जान बचाने की गंभीरता को देखते हुए, उन्हें यहीं ऑपरेशन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर मरीज को रेफर किया जाता, तो अधिक रक्तस्राव (ब्लीडिंग) के कारण उसकी जान को खतरा बढ़ सकता था।
ऑपरेशन की सफलता के बाद, छोटी कुमारी के परिजन भावुक हो उठे। उन्होंने कहा, “साहब, वो बचती नहीं, मर जाती। डॉक्टर का एहसान कभी नहीं भूलेंगे।” यह घटना डॉ. रोहित तिवारी की असाधारण कुशलता और समर्पण का प्रमाण है, जिन्होंने एक मुश्किल स्थिति में भी धैर्य और साहस का परिचय देते हुए एक अनमोल जीवन को बचाया।