अजमेर में युवती की आत्महत्या : खिड़की से झांककर भाई ने देखा तो फंदे पर लटकी मिली बहन

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अजमेर{ गहरी खोज }: शहर के मोती कटला इलाके में रविवार रात एक दर्दनाक घटना सामने आई, जब 32 वर्षीय नेहा परवीन ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के समय परिवार के अन्य सदस्य घर पर ही मौजूद थे, लेकिन किसी को इस अनहोनी की भनक तक नहीं लगी। घटना रविवार रात करीब 10 बजे की है। नेहा की मां मेहसर ने जब बेटी को खाने के लिए आवाज लगाई, तो कोई जवाब नहीं मिला। इस पर परिजनों को चिंता हुई। नेहा का छोटा भाई शोहल खान उस वक्त घर से बाहर था। जब उसकी मां ने उसे फोन कर बताया कि नेहा दरवाजा नहीं खोल रही है, तो वह तुरंत घर पहुंचा।
शोहल ने पहले दरवाजा खटखटाया, पर जब अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो उसने खिड़की से झांककर देखा। वह दृश्य बेहद भयावह था—नेहा फंदे से झूल रही थी। तुरंत उसने अपने भाई अरबाज को बुलाया और दोनों ने मिलकर कमरे का दरवाजा तोड़ा। इसके बाद नेहा को पंखे से नीचे उतारा गया और अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जेएलएन अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

दरगाह थाना पुलिस के एएसआई श्यामलाल ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। सोमवार को पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
फिलहाल आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। नेहा के कमरे से कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है।
पड़ोसियों में भी शोक की लहर
मोती कटला के लोबान चौक क्षेत्र की रहने वाली नेहा एक शांत स्वभाव की महिला थी। पड़ोसियों का कहना है कि वह अक्सर घर के कामों में व्यस्त रहती थी और ज्यादा मेल-जोल नहीं रखती थी। अचानक इस तरह आत्महत्या कर लेना सबके लिए हैरानी और शोक का विषय है।

इस घटना ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संवाद की अहमियत को रेखांकित किया है। परिजनों को भी नेहा के किसी अवसाद या तनाव का अंदाजा नहीं था। विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में अब भी खुलकर बात नहीं होती, और कई बार लोग अंदर ही अंदर टूटते रहते हैं।

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