किसान संगठन लोगों को गुमराह न करें : भगवंत मान

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संपादकीय { गहरी खोज }: लैंड पूलिंग नीति को लेकर किसान संगठन और अकाली दल बादल द्वारा मान सरकार विरुद्ध जो कहा जा रहा है उसको लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि अकाली नेता और किसान संगठन अपने संकीर्ण हितों को साधने के लिए सरकार विरुद्ध अफवाहें फैलाकर पंजाबवासियों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मान ने किसान संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों और यूनियनों का अस्तित्व अलग-अलग है क्योंकि यूनियनों के नेताओं ने किसानों के हित बचाने के नाम पर अपनी दुकानें खोल रखी हैं। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन के नेता अवैध रूप से धन इकट्ठा करके बड़ी संपत्ति के मालिक बन गए हैं और यहां तक कि इनकी राज्य के कई होटलों और अस्पतालों में भी हिस्सेदारी है। भगवंत सिंह मान ने किसान यूनियनों को कृषि संकट से जुड़े मुद्दों पर उनसे लाइव बहस करने की चुनौती दी। मुख्यमंत्री ने बीबीएमबी और हरियाणा के साथ पानी के मुद्दे पर किसान यूनियनों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इनके किसी भी नेता ने एक बयान तक भी जारी नहीं किया। उन्होंने कहा कि किसान यूनियनें बेतुके मुद्दों पर सड़कों और रेलों को रोककर सिर्फ अपनी दुकानें चला रही हैं। जबकि, पंजाब के गंभीर मुद्दों के प्रति चुप्पी साध लेती हैं। भगवंत सिंह मान ने चुटकी लेते हुए कहा कि इन नेताओं को किसानों से कोई सरोकार नहीं बल्कि वे सिर्फ अपने हित पूरे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान यूनियनें संघर्ष करने की आड़ में किसानों से फीस वसूलती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बादल-मजीठिया परिवार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा।

किसानों से बातचीत में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस लैंड पूलिंग योजना का उद्देश्य किसानों के लिए आय का स्थायी स्रोत पैदा करके उन्हें राज्य के विकास और प्रगति में सक्रिय भागीदार बनाना है। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी किसान की जमीन जबरदस्ती अधिग्रहित नहीं की जाएगी और केवल सहमति देने वाले किसान ही इस नीति के तहत अपनी जमीन देंगे। मान ने कहा कि इस नीति के अनुसार किसानों को मुआवजे के अलावा इस योजना में वाणिज्यिक और आवासीय प्लॉट भी मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस लैंड पूलिंग योजना में बनाई जाने वाली नियोजित कालोनियों में वाणिज्यिक संपत्ति किसानों के लिए स्थायी आय का साधन होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नई नीति का उद्देश्य राज्य के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब में देश भर में सबसे अधिक अवैध कालोनियां हैं। जिसके, लिए पिछली सरकारें जिम्मेदार हैं। मान ने कहा कि इन कालोनियों में कोई भी बुनियादी नागरिक सुविधाएं नहीं हैं, जिस कारण लोगों को दुख-तकलीफ झेलनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि अवैध कालोनियों के बेतरतीब विस्तार को रोकने के लिए लैंड पूलिंग योजना पेश की गई है। जिसमें, जमीन मालिक का पूरा अधिकार होगा कि वह इसे अपनाए या न अपनाए। उन्होंने कहा कि लोगों की सहमति से सरकार द्वारा प्राप्त की गई जमीन का उपयोग अर्बन एस्टेटों के निर्माण के लिए किया जाएगा, जिससे नियोजित विकास को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले राज्य के नेता पंजाब के हितों को खतरे में डालते थे, आज राज्य सरकार राज्य के समग्र विकास और खुशहाली पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
पंजाब में अवैध कालोनियां बढ़ने का मुख्य कारण यही है कि पिछली सरकारों ने योजनाबद्ध तरीके से न तो नई कालोनियां बनाई और न ही नये शहर बसाये। परिणामस्वरूप अवैध कालोनियां बढ़ती चली जा रही हैं। इन अवैध कालोनियों के कारण यहां जन साधारण को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वहीं कई बार सारा धन ही डूब जाता है। निजी कालोनियां काटने वालों की जेब भरती है। सरकार को राजस्व का नुकसान होता है। अवैध निर्माण के कारण बुनियादी सेवाएं भी लडखडा जाती हैं। सीवरेज, सैनेटरी के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट, स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी सुविधाओं की कमी परेशानियों को और बढ़ा देती है।
उपरोक्त के अलावा एक और महत्त्वपूर्ण बात है जिस कारण लैंड पूलिंग नीति को समर्थन व संरक्षण दिया जाना चाहिए वह यह है कि गांवों से लोगों का पलायन शहरों की तरफ बढ़ रहा है। अगर सुनोजित ढंग से नई कालोनियां व शहर न बनाये गए तो फिर सारी व्यवस्था ही चरमरा जाएगी। प्रदेश हित में यही है कि एक योजनाबद्ध तरीके से प्रदेश का विकास हो। सबसे बड़ी राहत वाली बात है कि नई लैंड पूलिंग नीति में किसानों का हित सुरक्षित रखने के साथ-साथ कोई जोर जबरदस्ती भी नहीं है, जिसका मन करे वह आगे आये दूसरा अपनी मनमर्जी से जमीन का इस्तेमाल करे।

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