प्रतापनगर थाने के एएसआई राजेश मीणा 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

उदयपुर{ गहरी खोज }:राजस्थान के उदयपुर ज़िले से एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की कार्रवाई सामने आई है। प्रतापनगर थाने में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) राजेश कुमार मीणा को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) मुख्यालय जयपुर के निर्देश पर एसीबी स्पेशल यूनिट उदयपुर की टीम ने यह ट्रैप कार्रवाई अंजाम दी। जानकारी के अनुसार, एएसआई राजेश मीणा ने एक प्रकरण में शिकायतकर्ता का नाम हटाने और उसकी कार को मुक्त करने के बदले में 15,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि 26 मई 2025 को एसीबी को एक शिकायत मिली थी जिसमें आरोप लगाया गया कि प्रतापनगर थाने का एएसआई पीड़ित से 15 हजार रुपये की मांग कर रहा है, और रकम न देने पर जेल भेजने की धमकी दे रहा है।
शिकायत की सत्यता जांचने के लिए रूबरू वार्ता (वेरिफिकेशन) करवाई गई, जिसमें आरोपी द्वारा रिश्वत मांगने और 10 हजार रुपये लेने की सहमति की पुष्टि हुई। इसके बाद 27 मई को एसीबी की टीम ने जाल बिछाकर एएसआई को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
यह कार्रवाई एसीबी कोटा रेंज के उप महानिरीक्षक शिवराज के सुपरविजन में, एएसपी राजीव जोशी के नेतृत्व में तथा पुलिस निरीक्षक लक्ष्मण लाल डांगी और टीम द्वारा की गई।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान राजेश कुमार मीणा पुत्र स्व. मुकेश कुमार मीणा (उम्र 44 वर्ष), निवासी गांव बड़ापाल, थाना सदर, डूंगरपुर के रूप में हुई है, जो वर्तमान में सहायक उप निरीक्षक, थाना प्रतापनगर में तैनात था। आरोपी के कब्जे से पूरी रिश्वत राशि बरामद कर ली गई है और पूछताछ एवं आगे की कार्रवाई जारी है।
एक ओर राजस्थान पुलिस अपनी छवि सुधारने और आमजन के विश्वास को मजबूत करने की कोशिशों में लगी है, वहीं दूसरी ओर ऐसे भ्रष्ट अफसर पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान खड़े कर देते हैं।
क्या ऐसे अफसरों पर सख्त कार्रवाई होगी? क्या पुलिस महकमे के अंदरूनी तंत्र को सुधारने के लिए और बड़े कदम उठाए जाएंगे?