ट्रम्प प्रशासन ने प्रवासियों के निर्वासन में अदालत की अवहेलना की

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वाशिंगटन{ गहरी खोज }:अमेरिका की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने प्रवासियों को साउथ सूडान वापस भेजने का प्रयास करके उसके पिछले आदेश का उल्लंघन किया है।
जिला न्यायाधीश मर्फी ने बुधवार को एक सुनवाई में कहा कि प्रशासन ने उनके अप्रैल में जारी आदेश का उल्लंघन किया है। जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी प्रशासन किसी भी प्रवासी को तब तक निर्वासित नहीं कर सकता जब तक उन्हें अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए पर्याप्त समय न दिया जाए।
अमेरिकी जिला न्यायाधीश ब्रायन मर्फी ने बुधवार को एक सुनवाई के दौरान कहा कि प्रशासन ने अप्रैल में जारी एक अस्थायी आदेश का उल्लंघन किया है, जिसमें अधिकारियों को लोगों को उनके अपने देश के अलावा अन्य देशों में निर्वासित करने से पहले पर्याप्त समय देने से रोक दिया गया था। न्यायाधीश ने कहा कि अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने सात प्रवासियों को सोमवार रात सूचित किया कि उन्हें दक्षिण सूडान में निर्वासित किया जा सकता है, जो कि उन्हें विमान में चढ़ने से 24 घंटे से भी कम समय पहले था, जो ‘स्पष्ट रूप से अपर्याप्त’ नोटिस था।
उन्होंने कहा,“विभाग की यह कार्रवाई अदालत के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है।” उन्होंने चेतावनी दी कि जो अधिकारी इस गैरकानूनी निर्वासन में शामिल हैं, उन्हें ‘आपराधिक अवमानना’ का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने हालांकि, अभी तक यह तय नहीं किया है कि इस उल्लंघन के खिलाफ क्या कार्रवाई की जायेगी।
अदालत के इस फैसले के बाद, व्हाइट हाउस ने आरोप लगाया है कि श्री मर्फी न्यायाधीश होकर भी ऐसे कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं, जो अपराधियों को रिहा करने के पक्ष में वकालत कर रहे हैं।
न्यायाधीश मर्फी का फैसला ट्रम्प प्रशासन को अब तक की सबसे कड़ी फटकार है,जो उनके जनवरी में दोबारा पदभार संभालने के बाद सामने आयी है। राष्ट्रपति ने अवैध प्रवासन पर सख्ती और बड़े पैमाने पर निर्वासन की योजना का एलान किया था, लेकिन कई अदालतों ने उनकी नीतियों पर रोक लगा दी है। यह फैसला राष्ट्रपति की प्रवासन नीति के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

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