सीआईएसएफ की महिला अधिकारी गीता समोटा ने एवरेस्ट चोटी फतह की

नयी दिल्ली{ गहरी खोज } : केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की महिला उप-निरीक्षक गीता समोटा ने 8,849 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह किया है।
मानवीय सहनशक्ति, अदम्य साहस और अटूट संकल्प की मिसाल पेश करने वाली सुश्री समोटा बल की पहली महिला हैं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है।
बल के अनुसार सोमवार सुबह गीता समोटा जब ‘दुनिया की छत’ पर खड़ी थीं, तो वह क्षण केवल एक व्यक्तिगत विजय नहीं था, बल्कि बल की शक्ति और राष्ट्र की असीम साहस का प्रतीक भी था।
चार बहनों वाले एक साधारण परिवार में जन्मी गीता समोटा का पालन-पोषण राजस्थान के सीकर जिले के चक गांव में पारंपरिक ग्रामीण परिवेश में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली और कॉलेज की शिक्षा स्थानीय संस्थानों से ही पूरी की। गीता को शुरू से ही खेलों में विशेष रुचि थी और कॉलेज के दिनों में वह एक होनहार हॉकी खिलाड़ी के रूप में जानी जाती थीं। मगर एक दुर्भाग्यपूर्ण चोट ने उनके खेल करियर को बीच रास्ते में ही रोक दिया।
वर्ष 2011 में गीता समोटा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में शामिल हुईं। सेवा के शुरुआती वर्षों में ही उन्होंने देखा कि पर्वतारोहण एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे बल में बहुत कम लोग जानते थे उस समय तक सीआईएसएफ के पास कोई समर्पित पर्वतारोहण दल भी नहीं था। गीता ने इस स्थिति को एक चुनौती नहीं, बल्कि एक अवसर के रूप में देखा। उनकी यह दूरदर्शिता उन्हें वर्ष 2015 में एक निर्णायक मोड़ पर ले आई, जब उन्हें औली स्थित भारत-तिब्बत सीमा पुलिस प्रशिक्षण संस्थान में छह सप्ताह के बुनियादी पर्वतारोहण पाठ्यक्रम के लिए चयनित किया गया। वह अपने बैच की एकमात्र महिला प्रतिभागी थीं। ट्रैनिंग के दौरान उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उनके भीतर न केवल आत्मविश्वास और दृढ़ता को और मजबूत किया, बल्कि पर्वतारोहण के प्रति जुनून और कौशल को भी नई ऊँचाई दी। इसके परिणामस्वरूप उन्होंने वर्ष 2017 में उन्नत पर्वतारोहण ट्रैनिंग सफलतापूर्वक पूरा किया, और ऐसा करने वाली पहली तथा एकमात्र सीआईएसएफ कर्मी बनीं। ये कठोर प्रशिक्षण कार्यक्रम उनके भीतर छिपी पर्वतारोही प्रतिभा को निखारने में निर्णायक सिद्ध हुए।