रिहायशी क्षेत्र में कबाड़ गोदाम में भडक़ी भीषण आग

सतना{ गहरी खोज } : अग्रि दुर्घटना के लिहाज से अति संवेदनशील माने जाने वाले कबाड़ के गोदाम, टेंट हाउस के गोदाम, इलेक्ट्रानिक्स सहित अन्य वस्तुओं के गोदाम और लकड़ी के टाल जैसे प्रतिष्ठान शहर के रिहायशी क्षेत्र में धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी निगम प्रशासन की कार्रवाई महज नोटिस-नोटिस खेलने तक सिमटी नजर आती है। इसी कड़ी में सोमवार को शहर के सिंधी कैंप इलाके की रिहायशी बस्ती में संचालित कबाड़ गोदाम में भडक़ी भीषण आग ने नगरवासियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर के सिंधी कैंप क्षेत्र की रिहायशी बस्ती में कबाड़ गोदाम पिछले काफी समय से संचालित होता आ रहा है। गोदाम के संचालक कमल भैरवानी और हरीश भैरवानी द्वारा कबाड़ के गोदाम में न तो अग्रि सुरक्षा के कोई इंतजाम किए गए हैं और न ही फायर एनओसी ही ली गई है। इसके बावजूद भी गोदाम में प्लास्टिक, रबर और पुराने टायरों का जबरदस्त स्टॉक करके रखा गया था। सोमवार की शाम लगभग 5 बजे गोदाम में उस वक्त अफरा-तफरी शुरु हो गई जब अचानक आग भडक़ उठी। भडक़ी आग ने किसी को भी संभलने का मौका हीं दिया। जब तक लोग पानी के जरिए उसे बुझाने की कोशिश करते तब आग भयावह रुप ले चुकी थी। वहीं गोदाम से काले धुएं के उठते गुबार को देखते हुए आस पास के रहवासियों के बीच दहशत फैल गई। आनन-फानन में लोग अपना जरुरी सामन बटोकर वहां से दूर भागने लगे।इसी दौरान गोदाम में भडक़ीआग ने इतना विकराल रुप धारण कर लिया कि उसकी लपटें 2 किमी दूर से भी नजर आने लगी। वहीं घटना की जानकारी मिलने पर नगर निगम की फायर शाखा के दमकल वाहन फायर फाइटर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। सबसे पहले आस पास के रहवासियों को वहां दूर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया। जिसके बाद फायर फाइटर्स द्वारा आग पर नियंत्रण पाने का कार्य शुरु किया गया। लगभग 2 घंटे से अधिक समय तक कड़ी मशक्कत करते हुए दर्जन भर दमकल वाहनों के साथ फायर फाइटर्स मुस्तैद रहे। जिसके चलते आग को नियंत्रित कर लिया गया। वहीं सावधानी बरतते हुए मौके पर जेसीबी वाहन भी बुला लिया गया। आग लगने का कारण जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।
कबाड़ गोदाम में काफी मात्रा में प्लास्टिक, रबर और पुराने टायरों का स्टॉक भरा होने के कारण उठने वाले धुएं ने लोगों का सांस लेना तक दूभर कर दिया। आलम यह रहा कि अगा को नियंत्रित करने में जुटे फायर फाइटर्स को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन जैसी समस्या का सामना करना पड़ा। जिसके चलते मुंह पर कपड़ा बांधकर किसी तरह रेस्क्यू जारी रखा गया। इतना ही नहीं बल्कि रेस्क्यू के दौरान एक दमकल कर्मी बुरी तरह घायल हो गया। जिसे आनन-फानन में उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। इसी कड़ी में मौके पर मौजूद जेसीबी मशीन की मदद से उलट-पलट कर यह देखने का प्रयास भी किया गया कि नीचे दबे कबाड़ में अंदर ही अंदर कहीं आग तो नहीं सुलग रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आग नियंत्रित करने के बाद फायर अमले द्वारा जांच की जाएगी और फिर संबंधित प्रतिष्ठान संचालक के विरुद्ध नोटिस जारी हो जाएगी।