राष्ट्रधर्म सर्वोपरि और सर्वप्रथम: धनखड़

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज } : उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि राष्ट्रधर्म सर्वोपरि और सर्वप्रथम है तथा कोई भी व्यक्तिगत, राजनीतिक एवं आर्थिक हित राष्ट्र से ऊपर नहीं हो सकता।
श्री धनखड़ ने शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने पुस्तक ‘जनता की कहानी – मेरी आत्मकथा’ का लोकार्पण करते हुए कहा, “ बिना अभिव्यक्ति के प्रजातंत्र जीवित नहीं रह सकता और अभिव्यक्ति करने वाला व्यक्ति यदि यह समझे कि मैं कह रहा हूं वही सही है और कुछ सही नहीं है तो अभिव्यक्ति सार्थक नहीं है।”
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, जी किशन रेड्डी और एस पी सिंह बघेल, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति करने वाला व्यक्ति जब दूसरे की बात सुनता है तो उसको बहुत जल्दी बोध हो जाता है कि उसका मत सही नहीं है। अभिव्यक्ति करने वाले व्यक्ति को हमेशा तत्पर रहना चाहिए कि वह दूसरे का मत सुने। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में अभिव्यक्ति और वाद विवाद एक दूसरे के पूरक हैं। एक दूसरे के बिना जीवित नहीं रह सकते।
उन्हाेंने पाकिस्तान के विरुद्ध भारतीय सैन्य कार्रवाई पर कहा कि आज के दिन हर भारतीय शासन की ताकत और दृष्टिकोण तथा सोच को महसूस कर रहा है। उन्हाेंने कहा, “ आज इस मामले में हम किसी देश के मोहताज नहीं है और आज जो भारत में हो रहा है वह हर भारतीय के मन को ऊंचा कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि हम भारतीय हैं, भारतीयता हमारी पहचान है, राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है, राष्ट्र प्रथम है। कोई भी हित, चाहे वह व्यक्तिगत हो, राजनीतिक हो या आर्थिक राष्ट्र हित से ऊपर नहीं हो सकता।

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