पाकिस्तान पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसेगा : संजय निरुपम

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मुंबई { गहरी खोज }: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के भारत पर हमला करने वाले बयान पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहा है और आगे भी तरसेगा।संजय निरुपम ने कहा कि सिंधु जल संधि निलंबित हुए 10 दिन हो चुके हैं। सिंधु नदी से पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति करने वाले बैराज को बंद कर दिया गया है। पाकिस्तान अब पानी से वंचित है और एक-एक बूंद के लिए संघर्ष कर रहा है। यह उनकी स्थिति है। इस संदर्भ में, पाकिस्तान को इस तरह के कायरतापूर्ण बयान जारी करना बंद करना चाहिए। जिन आतंकवादियों ने पहलगाम में हमारे लोगों पर हमला किया, हमारे लोगों को मारा, ऐसे आतंकवादियों को पाकिस्तान भारत के हवाले कर दे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने घर के अंदर आतंकवादी ठिकानों को खत्म करे, नहीं तो हम लोग अपनी सैन्य कार्रवाई के तहत उनके सारे ठिकाने नष्ट करने के लिए तैयार हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था, जिसके बाद से पाकिस्तान की ओर से गीदड़भभकी दी जा रही है।
भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के यूट्यूब चैनल समेत अन्य पाकिस्तानी चैनलों को ब्लॉक करने पर शिवसेना नेता ने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ युद्ध की स्थिति में हैं, जो हमारा दुश्मन देश है। भारत सरकार ने कई कूटनीतिक फैसले लिए हैं, जिससे पाकिस्तान में उथल-पुथल मची हुई है। आने वाले दिनों में सैन्य कार्रवाई भी की जाएगी और आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के फैसले लिए गए हैं। ऐसे में पाकिस्तान के यूट्यूब चैनलों का भारत में दिखाया जाना अनावश्यक है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मंत्रियों के एक्स अकाउंट और इंस्टाग्राम अकाउंट बंद किए जाने चाहिए, क्योंकि इन अकाउंट का दुरुपयोग भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए किया जा रहा है। भारत सरकार ने सही फैसला लिया है कि ऐसे यूट्यूब चैनलों को बैन किया जाना चाहिए। पाकिस्तान के कलाकारों के गाने बजाने को भी बंद कर देना चाहिए। यह तब तक जारी रहना चाहिए जब तक कि पाकिस्तान सुधर नहीं जाता है।
गोवा के मंदिर में भगदड़ पर संजय निरुपम ने कहा, “मैं इस त्रासदी में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं गोवा सरकार से इस घटना की गहन जांच करने और इतनी बड़ी त्रासदी के कारणों का पता लगाने का आग्रह करता हूं। मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रार्थना करने और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं। ऐसी परिस्थितियों में, यदि कोई घटना होती है, तो यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह कैसे और क्यों हुआ।”

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