गंगा सप्तमी पर बन रहे हैं कई दुर्लभ शुभ संयोग, जानें स्नान दान का शुभ मुहूर्त

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धर्म { गहरी खोज } : धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां गंगा को मोक्षदायिनी माना जाता है। कहते हैं इस पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती है। वैशाख माह शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। कहते हैं यह वहीं दिन है जब पवित्र गंगा धरती पर अवतरित हुई थी। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में लोग गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं। उसके बाद मां गंगा और देवों के देव महादेव की पूजा करते हैं। इस दिन कुछ दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। कहते हैं कि इस इन दुर्लभ और शुभ योग में पवित्र गंगा में स्नान और दान पुण्य करने से व्यक्ति के जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है।

गंगा सप्तमी तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार गंगा सप्तमी का पर्व यानी वैशाख महा शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 3 मई को सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन 4 मई को सुबह 7 बजकर 18 मिनट पर होगी।

गंगा सप्तमी शुभ योग
गंगा सप्तमी के दिन दुर्लभ त्रिपुष्कर योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही रवि योग और शिववास योग का संयोग बन रहा है।इसके अलावा, पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र का भी संयोग है। मान्यता है कि इस योग में स्नान दान और भोलेनाथ की पूजा करने से व्यक्ति को धरती पर ही स्वर्ग के समान सुखों की प्राप्ति होती है।

गंगा सप्तमी के दिन स्नान और दान-पुण्य का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, गंगा सप्तमी के दिन स्नान और दान पुण्य का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। इस दौरान लोगों को पवित्र गंगा में स्नान करने के लिए कुल 02 घण्टे 40 मिनट की समय मिलेगा।

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