सरकार की नीयत साफ है तो निजी स्कूलों को बढ़ी फीस वापस लेने का आदेश दे: आतिशी

नयी दिल्ली { गहरी खोज }: दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष आतिशी ने कहा कि अगर फीस विनियमन विधेयक के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की नीयत साफ है तो उन्हें निजी स्कूलों को इस साल बढ़ाई गई फीस को वापस लेने का आदेश देना चाहिए।
आम आदमी पार्टी ”आप” की वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को लिखे पत्र में आज कहा कि आपके एक्स हैंडल और बुधवार के समाचार पत्रों के जरिए जानकारी मिली है कि दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण और विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक 2025 को मंजूरी दी है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह विधेयक ”स्कूल शुल्क संरचना के लिए एक स्पष्ट और पारदर्शी प्रक्रिया स्थापित करने, मनमाने ढंग से शुल्क वृद्धि को रोकने और अभिभावकों के लिए निष्पक्षता सुनिश्चित करने” का प्रयास करता है।
उन्होंने कहा है कि विडंबना यह है कि जहां यह विधेयक ”पारदर्शी प्रक्रिया” स्थापित करने की बात करता है वहीं अब तक की पूरी प्रक्रिया पूरी तरह अपारदर्शी रही है। दिल्ली सरकार ने न तो इस विधेयक के मसौदे को तैयार करने में किसी परामर्श प्रक्रिया का विवरण साझा किया है और ना ही मसौदा विधेयक को अभी तक सार्वजनिक किया गया है। अब तक हमें केवल वही जानकारी है जो मीडिया में दी जा रही है। हमारे पास कोई प्रामाणिक दस्तावेज नहीं है, जिसका हम उल्लेख कर सकें या उस पर टिप्पणी कर सकें।
आप नेता ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि हालांकि आप सहमत होंगी कि यह मसौदा विधेयक दिल्ली में भाजपा सरकार के गठन के तुरंत बाद कई निजी स्कूलों द्वारा बेतहाशा और मनमाने ढंग से फीस वृद्धि के कारण आवश्यक हो गया था। इस अभूतपूर्व स्थिति ने हजारों बच्चों और उनके माता-पिता को अत्यंत तनावपूर्ण परिस्थितियों में डाल दिया। जिन छात्रों ने बढ़ी फीस नहीं जमा की उन्हें क्लास बैठने नहीं दिया गया। बच्चों के माता-पिता को भी भीषण गर्मी में निजी स्कूलों के बाहर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा और कुछ अभिभावक ने तो फीस वृद्धि के खिलाफ हाईकोर्ट का भी रुख किया।
उन्होंने सवाल किया है कि मौजूदा शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में इन समस्याओं का सामना कर रहे सभी माता-पिता का क्या होगा , क्या उन्हें अप्रैल 2025 में स्कूलों द्वारा लागू किए गए मनमाने शुल्क और उसका भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाएगा।
आतिशी ने आगे सुझाव देते हुए कहा है कि यदि दिल्ली सरकार निजी स्कूलों द्वारा बेतहाशा फीस वृद्धि को नियंत्रित करने के प्रति गंभीर है तो सरकार को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए प्राइवेट स्कूलों द्वारा की गई सभी शुल्क वृद्धि और नए शुल्कों को रोकने का आदेश जारी किया जाना चाहिए। जिन स्कूलों ने पहले ही बढ़ी फीस वसूल ली है उन्हें तत्काल वापस करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।