पूर्ण बंद के बीच जम्मू में पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन

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जम्मू{ गहरी खोज }: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ जम्मू के लोगों ने बुधवार को क्षेत्र में पूर्ण बंद के बीच पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन किया।
व्यापारियों, वकीलों और ट्रांसपोर्टरों के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक निकायों ने भी कई स्थानों पर प्रदर्शन किया और पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाये। प्रदर्शनकारियों ने इस नरसंहार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए पाकिस्तानी झंडे जलाए। बंद का आह्वान जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा किया गया था, जिसका सभी हितधारकों ने समर्थन किया तथा लोगों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया।
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने जघन्य आतंकवादी हमले की निंदा की और इसे अमानवीय तथा हिंसा को कायरतापूर्ण कृत्य करार दिया। बार एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा, “हम उन परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं, जिन्होंने इस दुखद घटना में अपने प्रियजनों को खो दिया है। हमारी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ उन लोगों के साथ हैं जो घायल हुए हैं और हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।”
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के. निर्मल कोतवाल ने कहा, “हम अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि इस कृत्य के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं। यह जरूरी है कि एकता, लचीलापन और न्याय की भावना हमें इस दुख की घड़ी में मार्गदर्शन करे।”
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि नक्शे से पाकिस्तान का नाम मिटा देना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हवाई हमले करके पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के आकाओं का सफाया किया जाना चाहिए। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष मनीष साहनी ने कहा कि आतंकवाद का पूरी तरह से सफाया किया जाना चाहिए और पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं के खिलाफ कड़ी सैन्य कार्रवाई की जानी चाहिए, हिंदुओं का नरसंहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पहलगाम के बैसरन गांव में पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर उन पर किए गए कायराना और नापाक आतंकवादी हमले के विरोध में शिविक्स सेना के नेताओं ने जम्मू-बारी ब्राह्मण राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शन कर आतंकवादी संगठन ‘टीआरएफ’ और हमले की जिम्मेदारी लेने वाले पाकिस्तान का पुतला फूंका। श्री साहनी ने पाकिस्तान में बैठे इन संगठनों के आकाओं के खिलाफ कड़ी सैन्य कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि 2019 के पुलवामा और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद यह जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है। उन्होंने सांसद एवं पार्टी मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय राउत की गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग का समर्थन करते हुए कहा, “एक बार फिर यात्रा शुरू होने से पहले मुख्य आधार शिविर पहलगाम में पर्यटकों पर हमला कर डर पैदा करने की कोशिश की गई है।” शिवसेना (यूबीटी) जम्मू-कश्मीर ने एक पूर्व उच्च सैन्य और पुलिस अधिकारी को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त करने की भी मांग की।
मिशन स्टेटहुड, जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष सुनील डिंपल ने पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व किया और पाकिस्तान के झंडे जलाए। उन्होंने सभी संगठनों, व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, लोगों, युवाओं को जम्मू-कश्मीर बंद को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया।
इस बीच, विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर में विरोध मार्च निकालने से रोके जाने पर पुलिस के साथ झड़प भी हुई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक युद्धवीर सेठी के नेतृत्व में हालांकि, सतवारी इलाके में एक संयुक्त विरोध मार्च भी निकाला गया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप), बजरंग दल और अन्य सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
जम्मू-कश्मीर के भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा, “हमारे भाइयों की हत्या का बदला लिया जाएगा और आतंकवादियों और उनके स्थानीय समर्थकों को जल्द ही खत्म कर दिया जाएगा।” एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे पहलगाम में आतंकवादी हमले के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर की अपनी यात्रा को छोटा करने और अपने-अपने गंतव्यों पर लौटने के इच्छुक लोगों के लिए कटरा से नयी दिल्ली के लिए एक विशेष अनारक्षित ट्रेन चलाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए जम्मू और कटरा रेलवे स्टेशनों पर विशेष सहायता डेस्क भी स्थापित किए गए हैं।
पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता डॉ. करण सिंह ने भी लोगों से पर्यटन सीजन के दौरान आगामी अमरनाथ यात्रा और जम्मू-कश्मीर से दूर न रहने का आग्रह किया। हालांकि, पर्यटकों पर आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए जाति, रंग और पंथ से परे सभी जिलों ने जम्मू क्षेत्र में पूर्ण बंद का पालन किया।

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