राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं… इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

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इलाहाबाद { गहरी खोज }: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को लेकर दायर एक याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सोमवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 10 दिनों के भीतर यह स्पष्ट करे कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं। अदालत ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय महत्व का मामला मानते हुए कहा कि इसमें किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई, लेकिन अदालत ने उसे अस्पष्ट और अपर्याप्त मानते हुए अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने दो टूक कहा कि इस रिपोर्ट से यह नहीं स्पष्ट हो रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर केंद्र सरकार का क्या रुख है। इसलिए अदालत ने केंद्र को सख्त निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई से पहले पूरी और तथ्यात्मक जानकारी दी जाए।
इस मामले में याचिकाकर्ता का दावा है कि राहुल गांधी की नागरिकता पर संदेह है, और यदि वह भारतीय नागरिक नहीं हैं, तो उनकी लोकसभा सदस्यता पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं। इसी आधार पर याचिका में उनकी संसद सदस्यता को रद्द करने की मांग भी की गई है। कोर्ट ने इस दलील को गंभीरता से लिया है और केंद्र को स्पष्ट तथ्यों के साथ जवाब देने को कहा है।
इस पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी का कहना है कि यह याचिका एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को कमजोर करना है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि विपक्ष को डराने और दबाने के लिए इस तरह की याचिकाएं दायर की जा रही हैं।
कोर्ट ने यह मामला अगली सुनवाई के लिए 5 मई 2025 की तारीख तय की है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि केंद्र सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाती है और क्या राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर उठे सवालों का ठोस जवाब सामने आता है या नहीं।

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