जदयू ने नीतीश कुमार और भाजपा ने सम्राट चौधरी को चुना विधायक दल का नेता

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पटना{ गहरी खोज }: बिहार में नई सरकार के गठन की तैयारियों के बीच जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नवनिर्वाचित विधायकों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को फिर से अपना नेता चुन लिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर जदयू विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी सम्राट चौधरी को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना।
जदयू की बैठक में पार्टी के सभी विधायक मौजूद रहे। बैठक के दौरान यह संदेश बड़े स्पष्ट रूप से सामने आया कि पार्टी नीतीश कुमार के अनुभव और नेतृत्व पर पूरी तरह भरोसा करती है। जदयू के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक के बाद बताया कि राज्य को स्थिर नेतृत्व की जरूरत है और नीतीश कुमार की अगुवाई में ही बिहार का विकास तेज़ी से हो सकता है। नीतीश कुमार की ओर से भी यह संकेत दिया गया कि वे सत्ता में बदलाव को बिहार के हित में उपयोग करेंगे और आने वाले महीनों में नई योजनाओं और नीतियों के साथ विकास का नया रोडमैप सामने रखेंगे।
जदयू के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश कार्यालय के अटल सभागार में बुधवार को हुई विधायक दल की बैठक में सम्राट चौधरी को सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया। ठीक 11:30 बजे बैठक की शुरुआत हुई, जिसमें भाजपा के सभी 89 निर्वाचित विधायक मौजूद रहे। बैठक में भाजपा के विधान पार्षद भी पहुंचे।
सुबह से ही सभागार परिसर में सुरक्षा और व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए गए थे। पहले विधायकों का पारंपरिक तरीके से तिलक लगाकर और गुलाब का पुष्प देकर स्वागत किया गया। इसके बाद उनकी उपस्थिति पंजीकृत की गई और पहचान पत्र पहनाकर अंदर प्रवेश दिया गया। भाजपा नेता लगातार नामों का मिलान करते हुए यह सुनिश्चित कर रहे थे कि सभी निर्वाचित प्रतिनिधि बैठक में शामिल हों।
बैठक की अध्यक्षता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने की। बैठक में कई केंद्रीय नेता भी मौजूद रहे, जिससे यह साफ होता है कि पार्टी बिहार में बनने वाली सरकार के स्वरूप और भविष्य की कार्ययोजना को लेकर गंभीर है। बैठक को लेकर सुबह से ही भारी राजनीतिक हलचल देखी गई।
बैठक से जुड़ी राजनीतिक हलचल शाम को और तेज होगी। गृहमंत्री अमित शाह शाम में भाजपा नेताओं के साथ एक अलग बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में मंत्रिमंडल गठन से जुड़ी महत्वपूर्ण रूपरेखा पर चर्चा होगी। राजनीतिक जानकारों के अनुसार मंत्री पदों के बंटवारे और विभागों के आवंटन पर प्रारंभिक विचार-विमर्श इसी बैठक में होने की संभावना है।

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