जुबली हिल्स विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कड़ा मुकाबला
हैदराबाद{ गहरी खोज }: जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र के लिए 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। सत्तारूढ़ दल कांग्रेस, विपक्षी दल बीआरएस और भाजपा इस सीट को जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। इस उपचुनाव का महत्व इस बात से पता चलता है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी कई दिन से इस निर्वाचन क्षेत्र में अपनी पार्टी कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे हैं। किसी उपचुनाव में मुख्यमंत्री का इस तरह सक्रिय रहना असामान्य ही है। न केवल मुख्यमंत्री, बल्कि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने सभी मंत्रियों को भी प्रचार में लगा दिया है।
केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार, के. टी. रामाराव सहित भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के वरिष्ठ नेता भी लगभग रोज़ाना अपने पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में इस निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार, पदयात्राएं, रोड शो और नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं। इस त्रिकोणीय मुकाबले के नतीजे का कांग्रेस सरकार की स्थिरता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन यह रेवंत रेड्डी सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा। अगर कांग्रेस उम्मीदवार पराजित हुआ तो बीआरएस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ आक्रामक हो सकती हैं।
यह उपचुनाव बीआरएस के लिए ‘करो या मरो’ की लड़ाई की तरह है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में उसे एक भी सीट नहीं मिली थी, और उससे पहले 2023 के विधानसभा चुनाव में भी उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था। जुबली हिल्स सीट पर बीआरएस का कब्जा था, लेकिन इस साल जून में उसके विधायक मगंती गोपीनाथ का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। अब इस सीट को बरकरार न रख पाने की स्थिति में पार्टी राज्य की राजनीति में हाशिये पर चली जाएगी। भाजपा भी इस उपचुनाव को जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही है क्योंकि उसका लक्ष्य 2028 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के विकल्प के रूप में उभरना है। बीआरएस ने गोपीनाथ की पत्नी सुनीता को उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने नवीन यादव को मैदान में उतारा है, जो पहले एआईएमआईएम की ओर से जुबली हिल्स से चुनाव लड़ चुके हैं। कांग्रेस ने हाल में पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन को मंत्रिपरिषद में शामिल किया है, जिसका मुस्लिम मतदाताओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने कांग्रेस को समर्थन दिया है, जिससे सत्तारूढ़ पार्टी की संभावनाओं को बल मिलने की संभावना है। भाजपा उम्मीदवार एल. दीपक रेड्डी ने 2023 के विधानसभा चुनावों में जुबली हिल्स से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
