तेलुगु सिनेमा अधिक अनुशासित है : सोनाक्षी सिन्हा
मुंबई{ गहरी खोज }: बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा “जटाधारा” से तेलुगू सिनेमा में पदार्पण कर रही हैं और उन्होंने काम और जीवन के बीच संतुलन स्थापित करने के साथ ही अनुशासन के लिए इस सिनेमा जगत की प्रशंसा की है। अभिषेक जायसवाल और वेंकट कल्याण द्वारा निर्देशित “जटाधारा” में सुधीर बाबू मुख्य भूमिका हैं और इसमें शिल्पा शिरोडकर का भी अहम किरदार है।
यह पूछे जाने पर कि हिंदी और तेलुगु सिने जगत की कार्य संस्कृति में क्या अंतर है, सिन्हा ने कहा कि दक्षिण में सेट “थोड़े अधिक अनुशासित” हैं।
सिन्हा ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, “बहुत ज्यादा अंतर नहीं है, लेकिन उनका समय प्रबंधन बहुत अच्छा और व्यवस्थित है। वे केवल निश्चित घंटे ही काम करते हैं। वहां काम और जिंदगी के बीच संतुलन बहुत अच्छा है, जो ऐसी चीज है जिसे हम उनसे निश्चित रूप से सीख सकते हैं।” अभिनेत्री ने कहा कि हिंदी फिल्म जगत में शूटिंग घंटों चलती है।
उन्होंने कहा, “(दक्षिण में) अगर आप नौ बजे शूटिंग के लिए आते हैं, तो छह बजे के बाद शूटिंग नहीं कर सकते। मुझे लगता है कि यह एक अच्छी बात है। मैं कहूंगी कि यह थोड़ा ज़्यादा अनुशासित है।”
सिन्हा ने कहा, “मैंने पहले एक तमिल फिल्म (‘लिंगा’) की है और अब यह तेलुगु फिल्म कर रही हूं। मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार हूं। मुझे नहीं लगता कि भाषा अब कोई बाधा है। मैं और भी (क्षेत्रीय सिनेमा) काम करना चाहूंगी। मैं हमेशा से इसके लिए तैयार रही हूं। ऐसा नहीं था कि मैंने ‘ना’ कहा था। मुझे अलग-अलग भाषाओं में कई क्षेत्रीय फिल्मों की पेशकश मिली है। लेकिन मैं यहां (हिंदी सिनेमा में) अपने पहले से चल रहे काम में व्यस्त रही हूं।” आधिकारिक विवरण के अनुसार, यह अलौकिक हॉरर फिल्म अनंत पद्मनाभ स्वामी मंदिर के रहस्य की पड़ताल करती है। ‘दबंग’, ‘लुटेरा’, ‘अकीरा’, ‘हैप्पी फिर भाग जाएगी’ और ‘खानदानी शफाखाना’ के लिए जाने जाने वाली अभिनेत्री सोनाक्षी तेलुगु फिल्म में खलनायक की भूमिका में नजर आएंगी। यह सात नवंबर को सिनेमा घरों में रिलीज़ होनी है।
