द्रमुक भ्रष्टाचार के आरोपों से ध्यान भटकाने के लिए एसआईआर पर ‘नाटक’ कर रही : मंत्री मुरुगन
                चेन्नई{ गहरी खोज }: केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन ने सोमवार को आरोप लगाया कि तमिलनाडु की द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार केवल भ्रष्टाचार के आरोपों, विशेष रूप से हाल ही हुए ‘नकदी के बदले नौकरी’ घोटाले से लोगों का ध्यान हटाने के लिए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध कर रही है। मुरुगन ने कहा कि द्रमुक ने एसआईआर का विरोध करने के लिए ‘सर्वदलीय’ बैठक बुलाकर एक ‘नाटक’ किया है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘ कल, द्रमुक के सहयोगी और मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एमडीएमके) प्रमुख वाइको ने दावा किया है कि 75 लाख फर्जी वोट थे। अगर ऐसा है, तो क्या हम उन नामों के साथ चुनाव लड़ सकते हैं? क्या एसआईआर मतदाता सूची को अद्यतन करने की आवश्यकता नहीं दर्शाता?’’
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने सभी दलों से एसआईआर का कार्य सुचारु तरीके से कराने में निर्वाचन आयोग का सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि चुनाव के बाद इस प्रक्रिया का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव से पहले एसआईआर का काम पूरा कर लिया जाना चाहिए। अभी छह महीने बाकी हैं। असली मतदाता छूटने नहीं चाहिए। साथ ही, फर्जी मतदाता, मतदाताओं के नामों का दोहराव और मृतकों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाने चाहिए। इसलिए एसआईआर का अद्यतन करना समय की मांग है।’’
मुरुगन ने द्रमुक द्वारा एसआईआर का विरोध किए जाने पर आश्चर्य जताते कहा कि इस प्रक्रिया के दौरान बूथ स्तर के अधिकारियों सहित तमिलनाडु के अधिकारी मौजूद रहेंगे। उन्होंने सवाल किया, ‘‘द्रमुक एसआईआर पर आपत्ति जता रही है, तो क्या इसका अभिप्राय यह है कि उसे राज्य सरकार के कर्मचारियों पर भरोसा नहीं है?’’ मुरुगन ने मतदाता सूची से अल्पसंख्यकों के नाम कथित तौर पर हटाए जाने के सवाल पर कहा, ‘‘आयोग मतदाताओं की अनुमति के बिना उनके नाम कैसे हटा सकता है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब एसआईआर अभी शुरू ही नहीं हुआ है, तो ऐसे आरोप कैसे लगाए जा सकते हैं? सभी मतदाता हैं। अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक मतदाता जैसी कोई चीज़ नहीं होती, कृपया इसका राजनीतिकरण न करें।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘जब भी द्रमुक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं, तो वह लोगों को गुमराह करने और उनका ध्यान भटकाने की नीति अपनाती है। मौजूदा हालात में, वह लोगों का ध्यान ‘नकदी के बदले नौकरी’ घोटाले से हटाना चाहती है।’’
