भारत-बहरीन दोहरे कराधान से बचने से जुड़ी वार्ता पर सहमत

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भारत और बहरीन ने द्विपक्षीय निवेश संधि के लिए चल रही वार्ता में हुई प्रगति का स्वागत किया है। दोनों पक्ष दोहरे कराधान बचाव समझौते (डीटीएए) पर वार्ता शुरू करने के लिए एक साझा समझ विकसित करने पर सहमत हुए हैं।
भारत और बहरीन के बीच उच्च संयुक्त आयोग (एचजेसी) की आज पांचवीं बैठक नई दिल्ली में हुई। इसकी सह-अध्यक्षता विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और बहरीन के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्लातिफ बिन राशिद अलजयानी ने की। बैठक में उन्होंने रक्षा, सुरक्षा, आर्थिक, व्यापार, निवेश, सीमा शुल्क, स्वास्थ्य, वित्तीय प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों सहित क्षेत्रों में चल रहे सहयोग को और मजबूत करने के उद्देश्य से नई पहलों पर चर्चा की।
बैठक के बाद जारी वक्तव्य में दोनों पक्षों ने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की और सीमा पार आतंकवाद सहित आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दोनों पक्षों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए सशस्त्र आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता व्यक्त की।
भारतीय पक्ष ने 2026 से 2027 तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सीट के लिए बहरीन पक्ष के चुने जाने पर उसे बधाई दी। दोनों पक्ष पारस्परिक लाभ के लिए बहुपक्षीय निकायों के चुनावों सहित बहुपक्षीय मंचों पर अपने पदों का समन्वय भी करेंगे।
दोनों मंत्रियों ने दिसंबर 2024 में बहरीन में आयोजित चौथे एचजेसी के बाद से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में हुई प्रगति की सराहना की। उन्होंने दोनों देशों के बीच नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान पर संतोष व्यक्त किया। दोनों पक्षों ने खुफिया जानकारी साझा करने, क्षमता निर्माण और साइबर सुरक्षा सहित द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ाकर आतंकवाद के खतरे से निपटने की भी प्रतिबद्धता जताई। दोनों पक्ष 2026 में राजनयिक संबंधों की स्थापना की 55वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी भी करेंगे।
दोनों पक्षों ने व्यापार, आर्थिक और वाणिज्य के मोर्चे पर हुई प्रगति का स्वागत किया। द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर वृद्धि को देखते हुए, जो 1.64 बिलियन अमेरिकी डॉलर (वित्त वर्ष 2024-25) तक पहुँच गया है, उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स, पेट्रोलियम उत्पादों, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों, आधार धातुओं और रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों में व्यापार के और विकास और विविधीकरण की संभावना पर बल दिया। दोनों पक्षों ने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में भविष्य में सहयोग बढ़ाने के प्रति आशा व्यक्त की।
दोनों पक्ष दोहरे कराधान परिहार समझौते (डीटीएए) पर वार्ता शुरू करने के लिए एक साझा समझ विकसित करने पर सहमत हुए। इससे दोहरे कराधान को समाप्त करने, कर निश्चितता प्रदान करने और व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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