झारखंड में सारे गैरकानूनी खेल हेमंत सोरेन के संरक्षण में खेले जा रहे हैं : बाबूलाल
रांची{ गहरी खोज }: झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है। उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और अन्य अधिकारियों पर भ्रष्टाचार करने और मुख्यमंत्री पर उन भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया।
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर रविवार को लिखा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सत्ता क्या पाई, जैसे खुलेआम दुश्मनी निकालने का लाइसेंस मिल गया। सच कहें तो, उन्होंने दिल की भड़ास निकालने और अपने सियासी विरोधियों को कुंठा और जलन में ताबड़तोड़ मुक़दमा करवाने और जेल भेजने का जो गंदा खेल शुरू किया था, आज उसी की नक़ल झारखंड पुलिस के कुछ बेईमान अधिकारी कर रहे हैं। ये लोग क़ानून को अपनी जेब में समझ रहे हैं।
मरांडी ने कहा, खूंटी में बैठे एक दरोगा साहब ने तो बिहार के बेगूसराय में चल रहे अपने पैतृक ज़मीन विवाद में दूसरे पक्ष को सीधे झारखंड में अफ़ीम की खेती करने के फर्ज़ी केस में रिमोट कंट्रोल से फंसा दिया। झारखंड में जो लोग भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहे हैं, उन्हें चुप कराने, परेशान करने और आतंक फैलाने का काम कुछ बेईमान अफ़सर कर रहे हैं और आपके गैर-संवैधानिक डीजीपी ने तो इसे धंधा बना कर रख दिया है। यह सारा गैरकानूनी खेल हेमंत सोरेन के संरक्षण में उनके इशारे पर किया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने अपने पोस्ट में लिखा, याद है ना? कुछ दिन पहले तक सीआईडी में एसआईटी के नाम पर, ज़मीन के मामलों की जांच के नाम पर क्या लूट मची थी? कितने निर्दोष लोगों को डराकर-धमकाकर लूटा गया? हेमंत जी, अगर थोड़ी भी शर्म बची है, तो किसी ईमानदार ऑफ़िसर से इन भ्रष्ट पुलिसवालों की पूरी प्रॉपर्टी की जांच करा लें। जो आपको पहले से पता है, वो अब जनता को भी पता चले कि इन्होंने कितनी काली कमाई की है।
मरांडी ने कहा, कानून का दुरुपयोग करने वाले दरोगा को सस्पेंड कर उसे बचाने का प्रयास मत करिए। दारोगा को सस्पेंड करना बस दिखावा है। दो-चार महीने बाद गर्मी शांत होगी, फिर ये जनाब वापस ड्यूटी पर आकर क़ानून हाथ में लेंगे और वही गंदा खेल करेंगे। इनको सस्पेंड नहीं, सीधे जेल भेजिए। गिरफ़्तार कर इतनी कड़ी सज़ा दीजिए कि पूरे झारखंड में एक उदाहरण प्रस्तुत हो, ताकि दूसरे भ्रष्ट अफ़सर भी सौ बार सोचें कि कानून के साथ खिलवाड़ करने का अंजाम क्या होता है।
