देश की श्रमिक शक्ति का विश्वास है ईपीएफओ : मांडविया
नयी दिल्ली { गहरी खोज }: केंद्रीय श्रम ,रोजगार तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने रविवार को कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) केवल एक कोष नहीं है बल्कि यह सामाजिक सुरक्षा में भारत की श्रमिक शक्ति के भरोसे का प्रतिनिधित्व करता है।
श्री मांडविया ने आज यहां ईपीएफओ के 73वां स्थापना दिवस समारोह में भारत के कार्यबल की सामाजिक और वित्तीय भलाई सुनिश्चित करने में ईपीएफओ की ऐतिहासिक भूमिका की सराहना की। उन्होंने संगठन से आग्रह किया कि वह नए उद्देश्य और दूरदर्शिता के साथ “नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण में एक नया अध्याय लिखे।
उन्होंने कहा कि ईपीएफओ केवल एक कोष नहीं है बल्कि यह सामाजिक सुरक्षा में भारत के कार्यबल के विश्वास का प्रतिनिधित्व करता है। इस स्थापना दिवस के अवसर पर, यह सभी अधिकारियों को नयी प्रेरणा और ऊर्जा प्रदान करेगा तथा आने वाले वर्षों के लिए एक दृष्टिकोण तैयार करने के लिए प्रेरित करेगा। यह दृष्टिकोण ईपीएफओ की संकल्प से सिद्धि की यात्रा का मार्गदर्शन करेगा।
डॉ. मांडविया ने ज़ोर दिया किदक्षता, पारदर्शिता और सहानुभूति ईपीएफओ के परिवर्तन की प्रेरक शक्तियाँ बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हर सुधार स्पष्ट और सरल शब्दों में कर्मचारियों तक पहुँचना चाहिए ताकि परिवर्तन का प्रभाव उनके जीवन में सीधे महसूस हो। ईपीएफओ को सेवा वितरण में निष्पक्षता, गति और संवेदनशीलता सुनिश्चित करके नागरिकों का विश्वास मज़बूत करना जारी रखना चाहिए। आइए, हम विकसित भारत 2047 की ओर बढ़ते हुए सामाजिक सुरक्षा में वैश्विक मानक स्थापित करें।”
इस अवसर पर, डॉ. मांडविया ने ईपीएफओ की यात्रा और उपलब्धियों पर आधारित एक कॉफी टेबल बुक, “स्टेट प्रोफाइल 2025” और “रीइमेजिनिंग गवर्नेंस” का भी विमोचन किया। इस अवसर पर एक विशेष डाक कवर का भी अनावरण किया गया।
