“मेरा सिर्फ एक संदेश था अच्छा अंत करो”, भारत महिला टीम के कोच अमोल मुजुमदार

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नवी मुंबई{ गहरी खोज }: भारतीय महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच अमोल मुजुमदार ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बड़े सेमीफाइनल से पहले उनकी खिलाड़ियों के लिए सिर्फ एक संदेश था — “अच्छा अंत करो” — और हरमनप्रीत कौर की टीम ने वही किया। घरेलू क्रिकेट के दिग्गज मुजुमदार को राष्ट्रीय टीम की जर्सी पहनने का मौका भले ही न मिला हो, लेकिन अपनी कोचिंग से उन्होंने टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
339 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए जेमिमा रॉड्रिग्स ने दबाव में शानदार शतक जड़ते हुए 134 गेंदों में नाबाद 127 रन बनाए और भारत को पांच विकेट से जीत दिलाकर तीसरी बार महिला वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचाया। कप्तान हरमनप्रीत कौर (89) के साथ उनकी 167 रनों की साझेदारी ने जीत की नींव रखी।
मुजुमदार ने ऐतिहासिक जीत के बाद कहा, “कोई बड़ा संदेश नहीं था। हम हमेशा एक-दूसरे से कहते रहे कि हमें अच्छा अंत करना है। हम आमतौर पर अच्छी शुरुआत करते हैं, लेकिन फिनिशिंग में सुधार की जरूरत रहती है। आज वही दिन था।”
अक्टूबर में टीम की कमान संभालने के बाद मुजुमदार ने अपने शांत स्वभाव से टीम में स्थिरता और स्पष्ट दिशा दी। हालांकि ग्रुप चरण में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका से मिली हार के बाद सवाल उठे थे, लेकिन मुजुमदार अपने लक्ष्य को लेकर पूरी तरह स्पष्ट थे।
सेमीफाइनल से पहले उन्होंने व्हाइटबोर्ड पर बस एक पंक्ति लिखी थी — “हमें उनसे सिर्फ एक रन ज्यादा बनाना है ताकि फाइनल में पहुंचे।” उन्होंने कुछ साहसिक फैसले लिए और क्रांति गौड़ तथा श्री चरणी जैसी युवा खिलाड़ियों पर भरोसा जताया, जिसका लाभ मिला। मुजुमदार ने कहा, “क्रांति ने अपने डेब्यू के बाद से कमाल किया है। वह युवा है, लेकिन हर मौके पर बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। रेनुका ठाकुर उसके साथ बेहतरीन तालमेल बैठाती हैं।”
जेमिमा को नंबर-3 पर प्रमोट करने का फैसला भी मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। उन्होंने कहा, “मुझे हमेशा लगता था कि जेमी में गियर बदलने की क्षमता है। एक बदलाव ने बहुत फर्क पैदा किया।”
50 वर्षीय मुंबई के इस दिग्गज ने वरिष्ठ खिलाड़ियों की भी तारीफ की, जिनमें कप्तान हरमनप्रीत, उपकप्तान स्मृति मंधाना और दीप्ति शर्मा शामिल हैं। उन्होंने कहा, “हरमन शांत थीं और पूरी पारी में मुस्कुराती रहीं। दीप्ति लगातार सभी को प्रेरित कर रही थीं और स्मृति हमेशा की तरह टीम का मनोबल बढ़ाती रहीं। सभी अपनी भूमिका जानते हैं और यही टीम को मजबूत बनाता है।” मुजुमदार ने बताया कि ग्रुप चरण में इंग्लैंड से मिली हार ने टीम को और प्रेरित किया। “उसके बाद वाले अभ्यास सत्र में ऊर्जा और इरादा ज्यादा दिखा। कभी-कभी विफलता नहीं, बल्कि एक ठोकर ही सबसे बड़ा सबक सिखा देती है… अभी भी विश्वास नहीं हो रहा कि हमने ऑस्ट्रेलिया को हराया।”

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