संभल में 46 वर्ष बाद
संपादकीय { गहरी खोज }: भगवान कल्की की नगरी के रूप में जाना जाने वाले संभल में 46 वर्ष पूर्व हुए सांप्रदायिक दंगों के कारण 24 कोसी परिक्रमा को स्थानीय प्रशासन द्वारा बंद कर दिया गया था। अब 46 वर्ष के बाद योगी सरकार ने पौराणिक 24 कोसी परिक्रमा को पुनः शुरु करवाया है। गत शुक्रवार रात दो बजे संभल के 68 तीर्थ और 19 कूपों की 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक स्थित श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में हुआ। शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान में कहा गया है कि 1978 के दंगों के बाद संभल में जो भय, अविश्वास और पलायन का माहौल बना, उसने दशकों तक यहां के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित किया। हिंदू परिवारों ने अपने घर, दुकानें और जमीनें छोड़ दीं, मंदिरों पर कब्जे हुए और धार्मिक आयोजनों पर रोक लग गई। लेकिन 2017 के बाद संभल की तस्वीर पूरी बदल गई। प्रदेश सरकार ने इन घटनाओं की जांच कराई और न्यायिक आयोग की रपट के आधार पर कठोर कार्रवाई की। सांप्रदायिक दंगों के जिम्मेदार तत्वों को जेल भेजा गया, अवैध कब्जों को हटाया गया और धर्मस्थलों को पुनर्स्थापित किया गया।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 67 के तहत 495 मामले दर्ज किए गए, जिनके परिणामस्वरूप 1,000 से अधिक अतिक्रमण हटाए गए और लगभग 69 हेक्टेयर भूमि कब्जा-मुक्त कराई गई। एक अलग अभियान में मस्जिदों, मजारों, कब्रिस्तानों और मदरसों सहित 37 अवैध संरचनाओं को भी हटाया गया, जिससे 2.6 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। इसके अलावा कल्की अवतार मंदिर समेत अनेक प्राचीन स्थलों का पुनरुद्धार शुरू किया गया है।
योगी सरकार ने बीते कुछ वर्षों में दो नए थाने और 45 नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वे की व्यवस्था भी की गई है। आर्थिक दृष्टि से भी संभल ने बड़ी छलांग लगाई है। 2405 करोड़ रुपए के निर्यात के साथ यह अब प्रदेश में 10वें स्थान पर है। शंखनाद, भजन और जयघोषों के बीच निकली इस परिक्रमा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से प्रारंभ होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होते हुए पुनः वंशगोपाल तीर्थ पर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के मध्य 87 देवतीर्थ स्थित हैं, जो संभल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत के प्रतीक हैं।
46 वर्ष के बाद पौराणिक 24 कोसी परिक्रमा का शुरू होना अपने आप में एक एतिहासिक फैसला है। इसका सारा श्रेय उत्तर प्रदेश की योगी अदित्यनाथ की सरकार को ही जाता है। योगी अदित्यनाथ की सरकार से पहले सत्ता में रही सरकारों ने 1978 में हुए साप्रदायिक दंगों के दंगाईयों पर कार्रवाई न करने के कारण वहां से हिन्दुओं का पालायन हो गया था। अब योगी सरकार द्वारा की कार्रवाही के कारण हिन्दुओं में पनपे विश्वास का ही प्ररिणाम है कि 46 वर्ष बाद संभल में 24 कोसी प्ररिक्रमा शुरु हो गई है। योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार को इस पुनित कार्य के लिए बहुत-बहुत बधाई।
