बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में शामिल नहीं हाेता, ताे इसके लाेकतांत्रिक मूल्याें के बारे में नहीं जान पाता : अमित शाह

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जगदलपुर{ गहरी खोज }: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शन‍िवार को कहा कि आज यदि मैं बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार की रस्म में शामिल नहीं हाेता ताे इस ऐतिहासिक मुरिया दरबार के लाेकतांत्रिक मूल्याें के बारे में नहीं जान पाता।
केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि यह मेरे लिए गौरव की बात है कि मुझे छत्तीसगढ़ के बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में उपस्थित होने का निमंत्रण मिला। उन्हाेंने कहा कि आज यदि मैं बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार की रस्म में नहीं आया हाेता ताे इस ऐतिहासिक मुरिया दरबार के लाेकतांत्रिक मूल्याें के बारे में नहीं जान पाता। उन्होंने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि 2031 तक बस्तर के हर गांव में 24 घण्टे बिजली रहेगी। 2031 तक सभी गांव में स्कूल होंगे और 2031 तक पीएससी, सीएससी केंद्र खोलने का काम होगा। हर व्यक्ति को राशन कार्ड, आधार कार्ड, 5 किलो मुफ्त राशन, सभी के बैंक खाते खुलेंगे, जिसमें महतारी वंदन का पैसा डलेगा।
शाह आज मां दंतेश्वरी की पूजा अर्चना के बाद बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार की रस्म में शामिल हुए। मुरिया दरबार, बस्तर दशहरा की प्रमुख रस्म है। इस रस्म में रियासत काल में बस्तर के राजा दरबार लगाकर अपनी जनता की समस्याओं को सुनकर मौके पर ही उनका निपटारा करते थे। वर्ष 1874 से बस्तर दशहरा में इस परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है, जिसे आज भी प्रतीकात्मक तौर पर निभाया जाता है।
गौरतलब है कि जब बस्तर में राजशाही थी, तब मुरिया दरबार में राजा द्वारा निर्धारित 80 परगना के मांझी ही उन्हें अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराते थे, लेकिन अब प्रजातांत्रित व्यवस्था में जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं काे सुनते हैं। इसलिए इसको खास बनाने के लिए इस बार इसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को आमंत्रित किया गया। शाह ने इस बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार की रस्म में शामिल हाेकर जनता की समस्याएं सुनीं और इस ऐतिहासिक अवसर पर एक और नया इतिहास लिखा। यह बस्तर और छत्तीसगढ़ की जनता के लिए सम्मान और गर्व की बहुत बात है।

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