गेहूं का नया एमएसपी 2582 रुपये हुुूुआ, बीते साल से 160 रुपये का हुआ इजाफा

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्र सरकार ने रबी फसल वर्ष 2026-27 के लिए गेहूं सहित चुनींदा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने विपणन सत्र 2026-27 के लिए एमएसपी में वृद्धि को हरी झंडी दिखायी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी देते हुए कहा कि गेहूं का एमएसपी 2585 रुपये प्रति कि्वंटल तय किया गया है।
इसके अलावा जौ का एमएसपी 2150 रुपये प्रति कि्वंटल, चना 5875 रुपये प्रति कि्वंटल, मसूर 7000 रुपये प्रति कि्वंटल, सरसों /रेपसीड 6200 रुपये प्रति कि्वंटल और सैफफ्लावर (कुसुम) का एमएसपी 6540 रुपये प्रति कि्वंटल किया गया है।
अगर साल रबी फसल वर्ष 2025-26 से तुलना करें तो गेहूं के एमएसपी में 160 रुपये प्रति कि्वंटल का इजाफा किया गया है। इसी तरह जौ में 170 रुपये, चने में 225 रुपये, मसूर में 300 रुपये, सरसों में 250 रुपये और सैफफ्लावर के एमएसपी में 600 रुपये कि्वंटल का इजाफा कर दिया गया है।
तिलहन में सबसे ज्यादा एमएसपी सैफफ्लावर का बढ़ाया गया है जबकि दलहन में मसूर का एमएसपी सबसे अधिक किया गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2026-27 में गेहूं की लागत 1239 रुपये आंकी गई है और नये एमएसपी 2585 के हिसाब से किसान को लागत का 109 प्रतिशत अधिक भाव मिलेगा। इसी तरह जौ की लागत साल 2026-27 में 1361 रुपये आंकी गई है और उसकी नयी एमएसपी 2150 के अनुसार किसान को लागत से 58 प्रतिशत अधिक भाव मिलेगा।
इस तरह चने की लागत 3699 रुपये की तुलना में किसान को 5875 रुपये नयी एमएसपी के अनुसार 59 प्रतिशत अधिक , मसूर की लागत 3705 रुपये की तुलना में नयी एमएसपी 7000 रुपये के हिसाब से 89 प्रतिशत अधिक, सरसों की लागत 3210 रुपये के हिसाब से नयी एमएसपी 6200 में 93 का फायदा और सैफफ्लावर की लागत 4360 है जबकि किसान को नयी एमएसपी 6540 के हिसाब से 50 प्रतिशत का फायदा होगा।
यहां लागत से आशय सभी भुगतान की गयी लागतों से है, जैसे मजूदरी, बैल श्रम/मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई भूमि का किराया, बीज, उर्वरक, खाद जैसी चीजों पर खर्चा, सिंचाई शुल्क, उपकरणों और कृषि भवनों पर मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सेट आदि के संचालन के लिए डीजल/बिजली, विविध व्यय और पारिवारिक श्रम का अनुमानित मूल्य शामिल हैं।
विपणन सत्र 2026-27 के लिये अनिवार्य रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि, औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है।