रील बनाने की लत से टूटने के कगार पर पहुंची 20 साल की शादी, नोएडा पुलिस ने काउंसलिंग से बचाया रिश्ता

गौतमबुद्धनगर{ गहरी खोज }: पत्नी की रील बनाने की लत पति को इतनी बुरी लगी कि उसने रिश्ता ही खत्म करने का फैसला ले लिया। पति-पत्नी का 20 साल पुराना रिश्ता जब टूटने के कगार पर पहुंचा तो नोएडा पुलिस मददगार साबित हुई, तथा दोनों के बीच काउंसलिंग कराकर उनके रिश्ते को बरकरार किया।
पुलिस उपायुक्त महिला सुरक्षा श्रीमती प्रीति यादव ने बताया कि पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर श्रीमती लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में फैमिली डिस्प्यूट रेजोल्यूशन सेंटर द्वारा पारिवारिक विवाद और तनाव से संबंधित मामलों में काउंसलिंग एवं मध्यस्थता कराई जा रही है। इस पहल का उद्देश्य परिवारों को टूटने से बचाना, समाज में स्थिरता बनाए रखना और महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
उन्होंने बताया कि इसी क्रम में पुलिस आयुक्त कार्यालय सेक्टर-108 स्थित एफडीआरसी में एक प्रकरण मध्यस्था हेतु प्राप्त हुआ था जिसमें आवेदिका श्रीमती अनीता (काल्पनिक नाम) निवासी नोएडा द्वारा अपने पति विजय (काल्पनिक नाम) निवासी गौतमबुद्धनगर एवं अन्य ससुराली जनों के विरुद्ध अतिरिक्त घरेलू हिंसा, इंस्टा रील/फेसबुक लाइव को लेकर विवाद, मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न तथा घर खर्च के लिए पैसे नही देने के संबंध में एक प्रार्थना पत्र दिया गया था। यह प्रकरण 9 जुलाई को एफडीआरसी-108 में मध्यस्थता हेतु प्राप्त हुआ। इस शिकायत पर एफडीआरसी प्रभारी व महिला पुलिस टीम तथा प्रोफेशनल काउंसलर्स और मनोवैज्ञानिक व व्यवहारिक विज्ञान के विशेषज्ञों ने मामले को संवेदनशीलता के साथ संज्ञान में लिया और पति-पत्नी की भिन्न-भिन्न तिथियों में चार बार बुलाकर उनकी कांउसलिंग करते हुए सही गलत समझाकर मध्यस्थता कराई गई।
डीसीपी ने बताया कि दंपत्ति की शादी को 20 वर्ष हो चुके हैं तथा इनका एक 18 वर्षीय पुत्र और 6 वर्षीय पुत्री है। पति-पत्नी के मध्य घर खर्च व सोशल मीडिया (इंस्टा लाइव आदि) को लेकर मतभेद उत्पन्न हो गए थे, जिसके कारण आवेदिका लगभग 10 माह से मायके में रह रही थी।
एफडीआरसी-108 प्रभारी एवं एमिटी यूनिवर्सिटी के विद्वान लोगो के काउंसलिंग टीम द्वारा समझाने-बुझाने के उपरांत दोनों पक्ष आपसी सहमति से पुनः साथ रहने पर सहमत हो गए। मध्यस्थता के दौरान दोनों बच्चों की भी काउंसलिंग की गई, क्योंकि वे माता-पिता के विवाद से मानसिक एवं भावनात्मक रूप से प्रभावित थे। सफल काउंसलिंग द्वारा एक टूटे हुए परिवार को पुनः एकजुट किया गया। इस पहल से पति-पत्नी के बीच रिश्तों में पुनः विश्वास और सामंजस्य स्थापित हुआ और खुशियों की रोशनी लौट आई। इस अवसर पर आवेदिका व उनके पति द्वारा पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार पुलिस कमिश्नरेट की इस सकारात्मक व मानवीय पहल से एक बिखरता परिवार टूटने से बच गया और समाज में यह संदेश गया कि पुलिस केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पारिवारिक सौहार्द एवं सामाजिक समरसता की पुनःस्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।