गिरफ्तारी या सरेंडर! दो माह से गायब बाबा 3 घंटे में गिरफ्तार

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: पार्थ सारथी से स्वामी चैतन्यानंद बने बाबा को दिल्ली पुलिस ने आगरा के ताजगंज के फरुट होटल के कमरा नं.101 से गिरफ्तार किया हैं। पुलिस के दावों के मुताबिक उसकी गिरफ्तार रात 3 बजे दिल्ली पुलिस ने की। जबकि बाबा 3.45 पर आगरा के इस होटल में पहुंचा था और रुका था। लेकिन दिल्ली पुलिस को उसके पहुंचने के एक घंटे बाद ही उसकी लोकेशन मिल गई,जबकि उससे पूर्व पुलिस कई राज्यों में तलाश रही थी।
बताया जात हैकि बीती रात दिल्ली पुलिस ने पार्थ सारथी के परिजनों को हिरासत में लिया था, जिसके बाद से उस पर लगातार दवाब बना था कि सरेंडर किया,जिसके चलते एकाएक बाबा ने परिजनों को ही फोन किया और अपनी लोकेशन पुलिस को बताने के लिए कही। नतीजतन जब दिल्ली पुलिस बाबा के कमरा न.101 में पहुंची तो बड़े ही इत्मीनान से बैठा था। दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की जानकारी यूपी पुलिस से भी शेयर नहीं की और महज 15 मिनट में उसे कमरे से उठा दिल्ली ले आई।
इस बीच सोशल मीडिया पर चैतन्यानंद का पुलिस की गिरफ्त वाला वीडियो वायरल है। वीडियो में देखा जा सकता है कि चैतन्यानंद पुलिस के सामने घबराया और सहमा हुआ है। साथ ही वीडियो में उसका हुलिया बदला हुआ है। वह टी-शर्ट और लोवर में नजर आ रहा है। माथे से तिलक और शरीर से भगवा कुर्ता गायब है। इसके अलावा सादे लिबास में दो पुलिस वाले एक गाड़ी में नजर आ रहे हैं। इस दोनों के बीच आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती बैठे दिख रहे हैं। उन्होंने दोनों हाथ को मोड़ रखा है। रस्वती की आंखों पर चश्मा है जबकि माथे पर बड़ा सा टीका उन्होंने लगा रखा है था।
पुलिस को चैतन्यानंद के पास से जाली दस्तावेजों के जरिए बनाए गए 2 पासपोर्ट मिले हैं। एक स्वामी पार्थ सारथी और दूसरा स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के नाम से है। पहले पासपोर्ट में उसने पिता का नाम स्वामी घनानंद पुरी लिखवाया है। यही नाम उसके पैन कार्ड पर भी है। वहीं, माता का नाम शारदा अंबा लिखा हुआ है। दूसरे पासपोर्ट में उसके पिता का नाम स्वामी दयानंद सरस्वती और माता का नाम शारदा अंबा लिखा है। पुलिस ने बताया इस मामले में उस पर कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक साऊथ दिल्ली के जिस इलाके में बाबा का कैम्पस है,वहां के जमीनों की कीमत करोड़ों में हैं, यही नहीं उसके संस्थान समेत जमीन को लेकर व पूर्व में कुछ पैसा एक कंपनी में लगाने को लेकर मुम्बई के एक होटल में बैठक हुई थी। ये बैठक देश की जाने मानी शराब कंपनी के लोगों के साथ थी,जहां इनका विवाद शुरु हो गया। जिसके बाद ही से बाबा के उल्टे दिन शुरु हो गए।
पुलिस के दावों के मुताबिक जब उसके खिलाफ जब उसके खिलाफ अगस्त में शिकायत आई थी तब वे मुम्बई में था एक बिजनेसमैन से उसकी बैठक चल रही थी,लेकिन जब उसे लगा कि उसे एंट्रीसेपिटरी बेल नहीं मिलेगी तो उसने अपनी याचिका को वापिस ले लिया और फरार हो गया। उसके बाद सीधे वह पहेल ओडिशा पहुंचा,जहां से वह सीधे मुम्बई आया और 2 दिन रुका,उसके बाद वृंदावन में एक आश्रम में उसने शरण ली जहां करीब 20 दिन तक वह रहा,जिसके बाद वह मथूरा की एक धर्मशाला और फिर वंद्रावन पहुंचा,इसके बाद एकाएक वह अपने रिश्तेदारा ओर परिवार से भी दूर हो गया।
डीसीपी साऊथ वेस्ट अमित गोयल ने बताया कि चैत्यानंद ने लड़कियों के बाथरूम में कैमरा लगाया था, जो उसके मोबाइल से कनेक्ट था। युवा लड़कियों को वह छेड़ता था। दिल्ली पुलिस ने कहा यह छेड़छाड़ का मामला है और 16 लड़कियों ने इस मामले में शिकायत की है। पुलिस ने कोर्ट से कहा, चैत्यानंद के सिस्टम का आईपी एड्रेस देखना है। लड़कियों को अल्मोड़ा, गुडग़ांव और फरीदाबाद से ले जाया जाता था। लड़कियों का बयान है. इसलिए बाबा से पूछताछ करना बेहद जरूरी है।
चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ पहले भी यौन अपराध के मामले दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आरोपी के खिलाफ साल 2009 और 2016 में यौन शोषण का मामला दर्ज है। पहला मुकदमा डिफेंस कॉलोनी में और दूसरा वसंत कुंज नॉर्थ में दर्ज है।